भारतीय अरबपतियों की फॉर्चन सूची में कभी शुमार रहे चंद्रा की हैसियत 2018 में 4.7 अरब डॉलर से ज्यादा थी और उन्हें इस सूची में 27वें स्थान पर रखा गया था। हालांकि 70 वर्षीय मीडिया दिग्गज और राज्यसभा सदस्य सुभाष चंद्रा ने कुछ दिन पहले घोषित किया था कि उनकी व्यक्तिगत संपत्ति की कीमत वित्त वर्ष 2020 में फिसलकर 10 करोड़ रुपये के नीचे आ गई।
संसद की आचरण समिति को अपना वित्तीय लेखाजोखा सौंपने वाले चंद्रा ने कहा कि उनकी व्यक्तिगत संपत्ति की कुल कीमत 9.85 करोड़ रुपये है। सदस्यों के लिए अनिवार्य नियम के तहत मीडिया दिग्गज ने पहले की घोषणा में कहा था कि वित्त वर्ष 2016 में उनकी व्यक्तिगत संपत्ति 39.07 करोड़ रुपये की थी यानी मौजूदा घोषित संपत्ति की कीमत के मुकाबबले करीब 4 गुना। एस्सेल के एक प्रवक्ता ने हालांकि टिप्पणी करने से मना कर दिया। चंद्रा साल 2016 से हरियाणा से स्वतंत्र राज्यसभा सदस्य हैं। चंद्रा की संपत्ति की कीमत में गिरावट समूह का कर्ज बढ़कर 12,000 करोड़ रुपये पर पहुंचने के दौरान हुई। इस कर्ज का ज्यादातर हिस्सा उन्होंने बैंकों व म्युचुअल फंडों को प्रमुख कंपनी ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के अपने शेयर गिरवी रखकर जुटाए थे। ऐसा तब हुआ जब समूह का बुनियादी ढांचे पर लगाया गया काफी दांव बेकार चला गया।
एक अहम पुनर्गठन के जरिये समूह 11,500 करोड़ रुपये से ज्यादा चुकाने में सक्षम हुई है, लेकिन इसकी लागत काफी ज्यादा है। हालिया फाइलिंग में चंद्रा ने साफ किया है कि वह सिर्फ भारमुक्त परिसंपत्तियां ही बता रहे हैं। इनमें सूचीबद्ध व असूचीबद्ध शेयरों में 6.18 करोड़ रुपये का निवेश (ज्यादातर बुक वैल्यू पर) शामिल है और इसका ज्यादातर हिस्सा एस्सेल इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स (3.40 करोड़ रुपये) लगा हुआ है। चंद्रा की घोषित संपत्ति में 96.80 ग्राम सोना, बैंक बैलेंस, कर्ज व अग्रिम शामिल है।
हालांकि उन्होंने वित्त वर्ष 2015 के उलट वित्त वर्ष 2020 के लिए किसी अचल संपत्ति की घोषणा नहीं की है। वित्त वर्ष 2015 में उन्होंने मुंबई के एक बंगले की कीमत सामने रखी थी, जिसे उन्होंने 1982 में खरीदा था और 30 करोड़ रुपये में विकसित किया था।
एस्सेल समूह के प्रवर्तकों की ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज में 41.6 फीसदी हिस्सेदारी थी और शुरुआत में सिर्फ 50 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना थी। हालांकि कई लेनदारों की तरफ से गिरवी शेयर बेचे जाने, कर्ज में इझाफा और इन्फ्रा परियोजनाओं की बिक्री में देर के बाद उन्होंने रणनीति बदली और अभी उनकी शेयरधारिता घटकर महज 4.9 फीसदी रह गई है जबकि पुनीत गोयनका कारोबार का संचालन कर रहे हैं। उन्होंने 11 फीसदी हिस्सेदारी अमेरिकी फंड मैनेजर को 4,224 करोड़ रुपये में बेचने के लिए ओपनहाइमर के साथ करार किया, जिसका इस्तेमाल कर्ज घटाने में किया गया। नवंबर 2019 में चंद्रा ने ज़ी का चेयरमैन पद छोड़ दिया जब कंपनी की ज्यादातर प्रवर्तक हिस्सेदारी बेच दी गई।