नए टीकों के परीक्षण की मिली मंजूरी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 8:42 AM IST

देश में क्लीनिकल परीक्षण करने के लिए विशेषज्ञ पैनल ने चुनिंदा कोविड-19 टीकों को मंजूरी दी है जिनमें नोवावैक्स, भारत बायोटेक का इंट्रा-नैजल और जायडस कैडिला का खसरे का टीका शामिल है।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को सलाह देने वाले विषय विशेषज्ञ पैनल (एसईसी) ने 3 फरवरी की बैठक में नोवावैक्स टीके के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ  इंडिया (एसआईआई) को दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण की मंजूरी दी थी। यह टीका प्रोटीन नैनोपार्टिकल पर आधारित है और इसमें नोवावैक्स के मैट्रिक्स-एम एडजुवेंट का इस्तेमाल किया गया है। एडजुवेंट औषधीय या प्रतिरक्षात्मक एजेंट होते हैं जो टीके की प्रतिरोधक प्रतिक्रिया में सुधार करते हैं। टीकों में आमतौर पर प्रतिरोधक प्रतिक्रिया में सुधार करने के लिए एडजुवेंट का इस्तेमाल होता है।
विषय विशेषज्ञ समिति ने नोट किया है कि प्रायोगिक दवा से जुड़े क्लीनिकल परीक्षण में शामिल प्रतिभागियों के अनुरोध पर ही दूसरी खुराक के 60 दिन बाद जानकारी दी जा सकती है। परीक्षण में शामिल प्रतिभागियों, जांचकर्ताओं और प्रायोजकों को यह नहीं पता होता कि किसी व्यक्ति को टीका दिया गया था या प्रायोगिक दवा दी गई थी।
भारत बायोटेक के चिंपैंजी फ्लू वायरस (एडेनोवायरस) आधारित इंट्रा-नैजल टीके के लिए, विषय विशेषज्ञ समिति ने भारत में पहले चरण के क्लीनिकल परीक्षणों के लिए अनुमति देने की सिफारिश की है।
अहमदाबाद स्थित जायडस कैडिला को 2019-एनसीओवी टीका 3एमजी (दो खुराक) के लिए पहले और दूसरे चरण के परीक्षणों के लिए मंजूरी मिल गई है। विशेषज्ञ समिति ने नोट किया है कि सुरक्षा किसी भी अध्ययन का प्राथमिक उद्देश्य होना चाहिए। जायडस कैडिला का यह दूसरा टीका है जिसे इसकी यूरोपीय शोध इकाई एटना बायोटेक ने तैयार किया है। यह कोविड-19 से बचाव के लिए एक जीवित कमजोर खसरा विषाणु आधारित टीका है। आनुवंशिक रूप से तैयार किया गया यह खसरा विषाणु टीका कोरोनावायरस के प्रोटीन पर असरदार होगा और दीर्घकालिक स्तर पर ऐसी एंटीबॉडी तैयार करेगा जो इसे बेअसर कर सकती है।
इस बीच अरबिंदो फर्मास्यूटिकल्स को अपने टीके यूबी-612 के लिए संशोधित क्लीनिकल परीक्षण प्रोटोकॉल पेश करने के लिए कहा गया है। कंपनी ने समिति के सामने जानवरों से जुड़े अध्ययन और पहले चरण के आंकड़े पेश किए। विषय विशेषज्ञ समिति ने सिफ ारिश की कि अरबिंदो को ब्राजील के नियामक प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण प्रोटोकॉल को पेश करना चाहिए और क्लीनिकल परीक्षण स्थलों जैसी कुछ अन्य शर्तों को भौगोलिक रूप से वितरित किया जाना चाहिए।

First Published : February 5, 2021 | 11:04 PM IST