भारत और अमेरिका आपस में विमान सेवा बहाल करने के लिए हवाई गलियारा (ग्रीन कॉरिडॉर) तैयार करने की योजना पर काम कर रहे हैं। इससे दोनों देशों के बीच यात्रा से जुड़ी पाबंदियां काफी हद तक कम हो जाएंगी। भारत के साथ ऐसा गलियारा बनाने वाला अमेरिका पहला देश होगा।
दोनों देशों के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि तैयारी अंतिम चरण में पहुंच गई है। इस खास व्यवस्था में दोनों देशों के बीच यात्रा करने वालों को अधिक इंतजार नहीं करना पड़ता।
दूसरे शब्दों में कहें तो भारत और अमेरिका दोनों देशों से आने वाले यात्रियों के लिए पाबंदियां खत्म हो जाएंगी। ऐसी व्यवस्था ‘ट्रैवल बबल’ या ‘ग्रीन कॉरिडॉर’ कहलाती है। भारत और अमेरिका के बीच ट्रैवल बबल तैयार होने से दोनों देशों से यात्रा करने वाले लोगों को क्वारंटीन में नहीं रहना पड़ेगा और इससे जुड़े नियम भी उनके लिए सरल हो जाएंगे।
इस दिशा में चल रही बातचीत पर नागरिक विमानन मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा,’हवाई यात्रा की बढ़ती मांग के कारण उड़ान सेवा में और ढील देने पर विचार हो रहा है। इसलिए हम अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के बीच ट्रैवल बबल तैयार करने की संभावनाएं तलाश रहे हैं। बातचीत के बाद जल्द ही इस पर फैसला हो सकता है।’
इस योजना से वाकिफ एक व्यक्ति ने कहा,’अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर सबसे अधिक सीधी उड़ान सेवाएं भारत और अमेरिका के बीच हैं। यही वजह है कि भारत और अमेरिका दोनों ही देश इस योजना पर काम कर रहे हैं।’ आंकड़ों पर नजर रखने वाली कंपनी ओएजी के अनुसार दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान सेवा 2016 से हर साल 8 प्रतिशत बढ़ी है।
ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड और चीन-दक्षिण कोरिया भी ट्रैवल बबल के लिए समझौता कर रहे हैं। इससे इन देशों को आंशिक रूप से द्विपक्षीय व्यापार शुरू करने में मदद मिलेगी। ये ट्रैवल बबल ऐसे देशों के बीच बनाए जा रहे हैं, जो कोविड-19 वायरस का प्रसार रोकने में सफल रहे हैं।
हालांकि अधिकारियों का कहना है कि भारत और अमेरिका कोविड-19 संक्रमण के मामले पूरी तरह थमने का इंतजार नहीं करेंगे और इससे पहले ही विशेष हवाई गलियारा बनाने पर काम शुरू कर देंगे। इस बारे में अधिकारी ने कहा, ‘हवाई गलियारा उन देशों के बीच भी बनाया जा सकता है, जहां मामले लगभग समान हैं और महामारी से निपटने के लिए एक जैसा तरीका अपनाया जा रहा है।’
अमेरिका ने भारत पर वंदे भारत अभियान (विदेश में फंसे लोगों को वापस लेने के लिए शुरू हुआ अभियान) के दौरान ‘भेदभाव भरे तरीके’ अपनाने और उचित व्यापार नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। ट्रैवल बबल शुरू करने की योजना पर उसी समय से काम चल रहा है।
अमेरिका के परिवहन विभाग ने कल कहा था कि 23 जुलाई से एयर इंडिया को अमेरिका में उड़ान संचालित करने के लिए पहले से इजाजत लेनी होगी। विभाग ने कहा, ‘एयर इंडिया ने जिस मकसद से उड़ान सेवा शुरू की थी उससे वह कहीं आगे निकल गई है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन एयर इंडिया इससे बचने के लिए फंसे लोगों को लाने के नाम पर अनुचित परिचालन कर रही है।’
भारत ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर 22 मार्च से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पाबंदी लगा रखी है। अधिकारियों ने कहा कि ट्रैवल बबल के तहत दोनों देशों के बीच सीमित संख्या में उड़ानों और यात्रियों को आने-जाने की अनुमति दी जाएगी। भारत अमेरिकी विमानन कंपनियों को दिल्ली और मुंबई आने की अनुमति दे सकती है, जबकि अमेरिका एयर इंडिया को न्यूयॉर्क, सैन फ्रांसिस्को और शिकागो की उड़ान भरने की अनुमति दे सकता है।
विशेषज्ञों ने कहा कि ऐसी कवायद धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू करने की पहल का संकेत है।
एयर इंडिया के एक अधिकारी ने कहा कि घर में क्वारंटीन की शर्त के बाद भी दोनों देशों से उड़ानों की काफी गुंजाइश होगी। अधिकारी ने कहा कि इस समय में लोग कारोबार आदि से जुड़ी यात्राएं कम करेंगे और ज्यादातर लोग अपने सगे-संबंधी और मित्रों से मिलने के लिए यात्राएं करेंगे।
