जलवायु परिवर्तन का असर कहें या कुछ और मगर भारत लगातार गर्म होता जा रहा है। गुजरा साल यानी 2021 न केवल 1901 के बाद से पांचवां सबसे गर्म साल रहा बल्कि 2012 से 2021 तक के दस साल सबसे गर्म दशक रहे हैं। इसका पता भारत की जलवायु के बारे में भारतीय मौसम विभाग की ताजा सालाना रिपोर्ट में चलता है।
मौसम विभाग ने यह भी कहा कि पिछले 1901 से यानी पिछले 121 साल में सबसे गर्म 15 सालों में से 11 साल 2007 से 2021 के बीच दर्ज किए गए हैं। वर्ष 2021 में भूमि की सतह पर वायु का औसत सालाना माध्य तापमान लंबी अवधि के औसत (एलपीए) से 0.44 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा। एलपीए वर्ष 1981 और 2010 के बीच तापमान पर आधारित है।
मौसम विभाग ने यह भी कहा कि 1901 से 2021 के दौरान देश के औसत सालाना माध्य तापमान में 0.63 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दिख है। इसमें अधिकतम तापमान में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है और न्यूनतम तापमान में वृद्घि कुछ कम रही है।
भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘इसका कारण जलवायु परिवर्तन हो सकता है। वैश्विक स्तर पर भी औसत माध्य तापमान में बढ़ोतरी हो रही है, जबकि असामान्य मौसमी घटनाएं भी बढ़ रही हैं।’
अब तक पांच सबसे गर्म साल घटते क्रम में 2016 (+0.71 डिग्री सेल्सियस), 2009 (+0.55 डिग्री सेल्सियस), 2017 (+0.541 डिग्री सेल्सियस), 2010 (0.539 डिग्री सेल्सियस) और 2021 (+0.44 डिग्री सेल्सियस) रहे।
वर्ष 2021 में विषम मौसमी घटनाओं के कारण 1,750 लोगों की जान गई। इसमें महाराष्ट्र सबसे ऊपर है, जहां भारी बारिश, बाढ़, भूस्खलन, बिजली गिरने, चक्रवाती तूफानों और शीतलहरों से 340 लोगों की मौत हुई है। मौसम विभाग की सालाना रिपोर्ट में कहा गया है, ‘वर्ष 2021 में उत्तरी हिंद महासागर में पांच उष्णकटिबंधीय चक्रवात बने, जिनमें तीन बंगाल की खाड़ी में और दो अरब सागर में बने। इनके अलावा देश के विभिन्न हिस्सों में अत्यधिक बारिश से बाढ़, भूस्खलन, आकाशीय बिजली, आंधी-तूफान, सूखे जैसी विषम जलवायु घटनाएं दर्ज की गईं।’
विषम जलवायु के कारण मौतों पर मौसम विभाग की रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि वर्ष 2021 में भारी बारिश और बाढ़ से संबंधित घटनाओं में 750 लोगों की जान गई। इनमें महाराष्ट्र में 215, उत्तराखंड में 143, हिमाचल प्रदेश में 55, केरल में 53 और आंध्र प्रदेश में 46 लोगों की मौत हुईं।
आंधी-तूफान और आकाशीय बिजली से 780 लोगों की मौत हुई। मौसम विभाग ने कहा कि बर्फवारी, शीतलहर, आंधी और ओलावृष्टि से देश के विभिन्न हिस्से प्रभावित हुए, जिससे जान-माल की हानि हुई हैं।
वर्ष 2020 में विषम मौसमी घटनाओं में करीब 1,565 लोगों की जान चली गईं। यह आंकड़ा वर्ष 2019 में करीब 1,560 था।