देश में टीका लेने के बाद भी 10,000 की आबादी में दो से चार लोग कोविड-19 से संक्रमित हो गए। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ऐसा संक्रमण की ज्यादा संक्रामक दूसरी लहर की वजह से हुआ है। साथ ही इसकी वजह स्वास्थ्यसेवा क्षेत्र से जुड़े लोगों और अग्रिम पंक्ति के कामगारों में विषाणु के संपर्क का ज्यादा जोखिम भी हो सकती है जो टीकाकरण अभियान के शुरुआती चरण के प्रमुख लाभार्थी रहे हैं।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा, ‘यह एक बहुत छोटी संख्या है और यह स्थिति चिंताजनक नहीं है। टीकों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए क्योंकि वे गंभीर बीमारी और मौतों को रोकते हैं और इससे संक्रमण भी कम हो जाता है।’
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कोविशील्ड या कोवैक्सीन की पहली खुराक लेने के बाद 21,000 से अधिक लोग संक्रमित पाए गए जबकि दूसरी खुराक लेने के बाद 5,600 से अधिक लोग संक्रमित हुए।
दूसरी लहर का अनुमान लगाने और इसके लिए तैयारियों में चूक के सवाल पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा, ‘आज अब यह समय नहीं है कि हम क्यों चूक गए या तैयारी (दूसरी लहर की आशंका के बीच) में कमी रही जैसे सवालों पर चर्चा करें। यह संयुक्त रूप से महामारी का सामना करने का समय है। एक बार जब हम इससे उबरेंगे तब इन मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जा सकता है।’
दिल्ली और अन्य शहरों के कई अस्पतालों ने ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा उठाते हुए भूषण ने कहा कि सरकार ने मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाकर 6,600 टन कर दी है और इसे ज्यादा बढ़ाया जाएगा। देश में 7,500 टन ऑक्सीजन की क्षमता है।