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हम BBC के साथ हैं… आयकर विभाग की कार्रवाई के बाद संसद में ब्रिटेन सरकार ने कहा

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भाषा
Last Updated- February 22, 2023 | 10:09 PM IST

ब्रिटेन सरकार ने पिछले हफ्ते तीन दिन तक BBC के नई दिल्ली और मुंबई कार्यालयों पर आयकर विभाग के ‘सर्वेक्षण’ अभियान के बाद BBC और इसकी संपादकीय स्वतंत्रता (editorial freedom) का पुरजोर बचाव किया है।

विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (FCDO) के उप मंत्री ने मंगलवार को ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में उठाए गए एक जरूरी सवाल का जवाब दिया, जिसमें कहा गया कि सरकार आयकर विभाग की जांच’’ पर लगाए गए आरोपों पर टिप्पणी नहीं कर सकती, लेकिन जोर दिया कि मीडिया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ‘‘मजबूत लोकतंत्र’’ के आवश्यक तत्व हैं।

FCDO के संसदीय उप मंत्री डेविड रटले ने भारत के साथ ‘‘व्यापक और गहरे संबंध’’ का जिक्र करते हुए कहा कि ब्रिटेन ‘‘रचनात्मक तरीके’’ से मुद्दों पर चर्चा करने में सक्षम है। उन्होंने कहा, ‘‘हम बीबीसी के लिए खड़े हैं। हम बीबीसी को फंड देते हैं। हमें लगता है कि बीबीसी वर्ल्ड सर्विस महत्वपूर्ण है। हम चाहते हैं कि बीबीसी को संपादकीय स्वतंत्रता मिले।’’

रटले ने कहा, ‘‘यह हमारी (सरकार) आलोचना करता है, यह (विपक्षी) लेबर पार्टी की आलोचना करता है, और इसके पास वह स्वतंत्रता है जिसे हम मानते हैं कि यह बहुत महत्वपूर्ण है। स्वतंत्रता एक कुंजी है, और हम भारत में सरकार सहित दुनिया भर में अपने दोस्तों को इसके महत्व के बारे में बताना चाहते हैं।’’ इस मुद्दे पर ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ को मंत्री ने अवगत कराया कि भारत के आयकर विभाग का नई दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के कार्यालयों पर सर्वेक्षण अभियान 14 फरवरी से शुरू हुआ और तीन दिनों के बाद 16 फरवरी को समाप्त हुआ।

रटले ने कहा, ‘‘यह ऐसा करना जारी रखेगा, क्योंकि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि हमारी आवाज और बीबीसी के माध्यम से एक स्वतंत्र आवाज पूरी दुनिया में सुनी जाए।’’

विपक्षी दलों के सांसदों द्वारा ‘छापों’ पर चिंता जताए जाने और भारत सरकार से चर्चा के लिए कहे जाने पर मंत्री ने कहा, ‘‘यह भारत के साथ हमारे व्यापक और गहरे संबंधों के कारण है कि हम वहां की सरकार के साथ रचनात्मक तरीके से व्यापक मुद्दों पर चर्चा करने में सक्षम हैं। बातचीत में इस मुद्दे को उठाया गया है और हम स्थिति की निगरानी करना जारी रखे हुए हैं।’’

उत्तरी आयरलैंड के सांसद जिम शैनन ने सवाल उठाते हुए कार्रवाई को ‘‘देश के नेता के बारे में वृत्तचित्र जारी होने के बाद डराने-धमकाने वाला कार्य’’ बताया और इस मुद्दे पर बयान देने में विफल रहने के लिए ब्रिटेन सरकार की तीखी आलोचना की।

डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी (डीयूपी) के संसद सदस्य शैनन ने कहा, ‘‘सात दिन पहले छापे की कार्रवाई हुई। मैं सम्मानपूर्वक कहना चाहूंगा कि FCDO चुप्पी साधे हुए हैं। सरकार की तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया गया। सवाल इसलिए पूछे जा रहे कि सरकार प्रेस की आजादी पर निर्मम प्रहार की निंदा करे।’’

लेबर पार्टी के सिख सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा ‘‘भारत के साथ हमने लोकतंत्र और प्रेस स्वतंत्रता के मूल्यों को साझा किया है। प्रधानमंत्री के कार्यों के आलोचनात्मक वृत्तचित्र के प्रसारण के बाद भारत ने बीबीसी कार्यालयों पर छापा मारने का फैसला किया।’’

भारत सरकार के मुखर समर्थक, कंजरवेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने मंत्री से यह पुष्टि करने के लिए कहा कि क्या भारत में आयकर अधिकारी सात साल से बीबीसी की जांच कर रहे हैं। हालांकि मंत्री ने जांच के संबंध में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। आयकर विभाग ने ‘सर्वेक्षण’ के बाद एक बयान में कहा कि बीबीसी की इकाइयों द्वारा घोषित आय और लाभ ‘‘भारत में संचालन के पैमाने के अनुरूप नहीं थे।’’

First Published : February 22, 2023 | 4:32 PM IST