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अमेरिकी अदालत ने 26/11 का आतंकी तहव्वुर राणा की रिट याचिका की खारिज

आतंकवादी तहव्वुर राणा ने इस आदेश के खिलाफ ‘नाइंथ सर्किट कोर्ट’ में याचिका दाखिल की है और उस पर सुनवाई होने तक उसके भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाए जाने का अनुरोध किया है।

Last Updated- August 18, 2023 | 9:26 AM IST
Mumbai Terror attack accused Tahawwur Rana

अमेरिका की एक अदालत ने 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों (Mumbai Terror Attack) के आरोपी और पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यापारी तहव्वुर राणा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज कर दी है जिसके बाद अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन द्वारा उसे भारत प्रत्यर्पित करने के लिए प्रमाणपत्र जारी करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

‘सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया’ में ‘यूनाइटेड स्टेट डिस्ट्रिक्ट’ के न्यायाधीश डेल एस फिशर ने 10 अगस्त के अपने आदेश में लिखा, ‘‘अदालत ने एक अलग आदेश जारी कर तहव्वुर राणा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज कर दी है।’’

बहरहाल, राणा ने इस आदेश के खिलाफ ‘नाइंथ सर्किट कोर्ट’ में याचिका दाखिल की है और उस पर सुनवाई होने तक उसके भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाए जाने का अनुरोध किया है। राणा ने जून में अमेरिकी अदालत के उस आदेश को चुनौती देते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी, जिसमें उसे भारत प्रत्यर्पित किए जाने के अमेरिकी सरकार के अनुरोध को स्वीकार किया गया था। न्यायाधीश फिशर ने अपने आदेश में कहा कि राणा ने अपनी याचिका में दो मूल दलीलें पेश की हैं।

उन्होंने कहा कि पहली दलील यह है कि संधि के तहत उसे प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता, क्योंकि भारत उसके खिलाफ उन कृत्यों के लिए अभियोग चलाना चाहता है, जिन्हें लेकर अमेरिका की एक अदालत ने उसके खिलाफ आरोप लगाए थे और उसे बरी कर दिया था तथा दूसरा तर्क यह है कि सरकार ने यह बात साबित नहीं की है कि यह मानने का संभावित कारण है कि राणा ने भारत में वे अपराध किए जिन्हें लेकर उसके खिलाफ अभियोग चलाया जाना है।

यह भी पढ़ें : Pakistan Church attacks: पाकिस्तान में गिरजाघरों, ईसाइयों के घरों पर हुए हमलों की जांच के आदेश, 100 से अधिक गिरफ्तार

न्यायाधीश ने दोनों ही दलीलें खारिज कर दीं। न्यायाधीश के इस आदेश के बाद राणा के वकीलों पैट्रिक ब्लेगन और जॉन डी क्लिने ने ‘यूनाइटेड स्टेट कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर द नाइंथ सर्किट’ में इसके खिलाफ याचिका दायर की।

अमेरिका सरकार ने राणा द्वारा दायर की गई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को अस्वीकार करने का जून में आग्रह किया था। भारत में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों द्वारा 26 नवंबर 2008 को मुंबई में किए गए हमलों में राणा की भूमिका की जांच कर रहा है।

इन हमलों के दौरान अजमल कसाब नामक आतंकवादी जिंदा पकड़ा गया था, जिसे 21 नवंबर 2012 को भारत में फांसी की सजा दी गई। बाकी आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने हमलों के दौरान ढेर कर दिया था। मुंबई आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकी नागरिक सहित कुल 166 लोगों की जान गई थी।

यह भी पढ़ें : पाकिस्तान में पंजाब प्रांत की चर्चो में तोड़फोड़, मूकदर्शक बनी रही पुलिस

First Published - August 18, 2023 | 9:26 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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