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Trump Tariff पर मोदी सरकार का दांव, कारोबार के लिए यूरोप से बातचीत

भारत को EFTA समूह से 15 वर्षों में 100 अरब डॉलर की निवेश प्रतिबद्धता प्राप्त हुई है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- April 08, 2025 | 5:11 PM IST

अमेरिका की तरफ से उच्च शुल्क लगाए जाने से पैदा हुए अनिश्चित वैश्विक व्यापार परिदृश्य के बीच भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) अपने प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर चरणबद्ध ढंग से बातचीत करने की संभावना तलाश रहे हैं। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। भारत ने पहले ऑस्ट्रेलिया के साथ भी इसी तरह दो चरणों में व्यापार समझौतों पर बातचीत की थी। दो चरणों वाली प्रक्रिया के तहत दोनों पक्षों को उन क्षेत्रों की पहचान करने का अवसर मिलता है जहां आसानी से सहमति बन सकती है। व्यापार से जुड़े जटिल मुद्दों को बाद के चरणों के लिए रख दिया जाता है। 

अधिकारी ने कहा, ‘‘यूरोपीय संघ के साथ प्रस्तावित एफटीए पर चरणों में बातचीत चल रही है।’’ दोनों पक्षों ने पिछले महीने ब्रसेल्स में इस प्रस्तावित समझौते के लिए दसवें दौर की वार्ता पूरी की थी। अगले दौर की बातचीत मई में नयी दिल्ली में होने की उम्मीद है। अधिकारी ने कहा कि यूरोपीय संघ के वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं के साथ हाल ही में भारत दौरे पर आईं यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लिएन की यात्रा के बाद एफटीए पर वार्ता सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है और यह तेजी पकड़ रही है। 

व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दो अप्रैल को उच्च सीमा शुल्क लगाए जाने के बाद भारत और यूरोपीय संघ के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करना महत्वपूर्ण है। भारत और 27 देशों के समूह यूरोपीय संघ ने आठ साल से अधिक के अंतराल के बाद जून, 2022 में एफटीए पर वार्ता फिर से शुरू की थी। बातचीत का सिलसिला बाजारों को खोलने के स्तर को लेकर उभरे मतभेदों के कारण 2013 में रुक गया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला ने इस साल के अंत तक बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने पर सहमति जताई थी। भारत के कुल निर्यात में यूरोपीय संघ का हिस्सा लगभग 17 प्रतिशत है जबकि भारत को यूरोपीय संघ का निर्यात उसके कुल निर्यात का नौ प्रतिशत है। 

अधिकारी ने भारत और चार देशों के यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के बीच एफटीए को लागू करने की दिशा में हुई प्रगति की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी चार यूरोपीय देशों की संसद ने समझौते को मंजूरी दे दी है। दोनों पक्ष इस साल के अंत तक इस समझौते को लागू करने का लक्ष्य बना रहे हैं। ईएफटीए में आइसलैंड, लीस्टेंशटाइन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं। भारत और ईएफटीए ने 10 मार्च, 2024 को व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते (TEPA) पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत भारत को समूह से 15 वर्षों में 100 अरब डॉलर की निवेश प्रतिबद्धता प्राप्त हुई है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

 

First Published : April 8, 2025 | 5:11 PM IST