अंतरराष्ट्रीय

चीनी निवेश पर सरकार के रुख में बदलाव नहीं, इकनॉमिक सर्वे एक स्वतंत्र रिपोर्ट: पीयूष गोयल

लोकसभा में पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए गोयल ने यह भी कहा कि सरकार चीनी निवेश की जांच करती है और इस संबंध में उसका रुख नहीं बदला है।

Published by
भाषा   
Last Updated- July 30, 2024 | 3:20 PM IST

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि चीन के निवेश को अनुमति देने के संबंध में सरकार के रुख पर कोई बदलाव नहीं हुआ है और आर्थिक सर्वेक्षण में व्यक्त विचार सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। लोकसभा में पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए गोयल ने यह भी कहा कि सरकार चीनी निवेश की जांच करती है और इस संबंध में उसका रुख नहीं बदला है।

प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि भारत चीन पर निर्भर हो गया है। उन्होंने आर्थिक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि इसमें पड़ोसी देश से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त करने का समर्थन किया गया है। गोयल ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) शासन के तहत भारत पड़ोसी देशों पर निर्भर हो गया था।

उनका कहना था, ‘‘कांग्रेस के तहत, आयात चार अरब डॉलर से बढ़कर 40-45 अरब डॉलर हो गया, जो कि 10 गुना से ज्यादा है। हमारे समय में वृद्धि केवल 2-2.5 गुना है। हमने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कदम उठाए हैं।’’ गोयल ने कहा, ‘‘मैं संप्रग पर सीधा आरोप लगा रहा हूं… उनका नाम बदल गया है, यह अब ‘इंडी’ गठबंधन है…।’’

वाणिज्य मंत्री ने कहा, ‘‘‘हमें नहीं पता कि चीन के साथ वह एमओयू (समझौता ज्ञापन) क्या था। संप्रग के तहत व्यापार घाटा 30 गुना बढ़ गया था।’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘भाजपा के नेतृत्व वाले राजग ने चीन और उसके निवेश को भी नियंत्रित कर लिया है।’’

Also read: ग्लोबल इन्वेस्टर्स भारत की ओर देख रहे, इस ‘सुनहरे मौके’ को न गंवाएं: PM मोदी ने भारतीय उद्योग जगत से कहा

आर्थिक सर्वेक्षण का जिक्र करते हुए गोयल ने कहा, ‘‘जहां तक ​​मुख्य आर्थिक सलाहकार का सवाल है, वह एक स्वतंत्र, स्वायत्त रिपोर्ट लाते हैं। यह उनकी सोच है, भारत सरकार ने फिलहाल अपना रुख नहीं बदला है।’’ उनके मुताबिक, ‘‘चीन से जो निवेश आता है, उसकी जांच की जाती है, जहां हमें उचित नहीं लगता, वहां रोक दिया जाता है। हमारी नीति वही रहेगी। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने एक सलाह दी है।’’

बजट से पहले आए आर्थिक सर्वेक्षण में स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और निर्यात बाजार का फायदा उठाने के मकसद से बीजिंग से एफडीआई की जरूरत पर जोर दिया गया था। सर्वेक्षण में कहा गया था कि चूंकि अमेरिका और यूरोप अपनी तत्काल ‘‘सोर्सिंग’’ चीन से दूर कर रहे हैं, इसलिए यह अधिक प्रभावी होगा कि चीनी कंपनियां भारत में निवेश करें और पड़ोसी देश से आयात करने के बजाय इन बाजारों में उत्पादों का निर्यात करें।

First Published : July 30, 2024 | 3:19 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)