रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने अपनी सेना को आदेश दिया है कि वह यूक्रेन के अंतिम गढ़ मार्योपोल पर धावा बोलने के बजाय उसे चारों ओर से घेर ले ‘ताकि वहां परिंदा भी पर न मार सके’। रक्षा मंत्री सर्गेइ शोइगु ने कहा कि अजोवस्तान इस्पात संयंत्र के अलावा बाकी के शहर को ‘मुक्त’ कर दिया गया है। रूस के अधिकारी यूक्रेन के उन इलाकों को ‘मुक्त’ बता रहे हैं, जिन पर उन्होंने कब्जा कर लिया है। इस संयंत्र में यूक्रेनी सेना छिपी हुई है। पुतिन ने इसे ‘सफलता’ बताया है। हालांकि, इस संयंत्र को यूक्रेन के हाथों में छोडऩे से रूस की मार्योपोल पर पूर्ण विजय घोषित करने की क्षमता खत्म हो गई है।
बंदरगाह शहर मार्योपोल को कब्जे में लेना रूस के लिए सामरिक और सांकेतिक, दोनों रूप से महत्त्वपूर्ण है। यह रूस और क्रीमियाई प्रायद्वीप को भूमि के जरिये जोड़ देगा और इससे रूसी सेना डोनबास में कहीं भी जा सकती है। शोइगु ने कहा कि इस संयंत्र को ‘सुरक्षित रूप से घेर’ लिया गया है। इससे पहले उन्होंने कहा कि नागरिकों को लेकर चार बसें शहर से बाहर निकल गई हैं। हजारों और नागरिक शहर में हैं।
यूक्रेन की उप प्रधानमंत्री इरिदा वेरेश्चुक ने कहा कि मार्योपोल से नागरिकों को निकालने की एक और कोशिश की जाएगी। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ताजा घटनाक्रम से इस पर क्या असर पड़ेगा। कीव में स्पेन के प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज और डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडेरिकसेन राजधानी की यात्रा के साथ उसके प्रति समर्थन जताने वाले यूरोप के नेताओं की सूची में शुमार हो गए हैं। वे राष्ट्रपति वोलोदीमिर जेलेंस्की से मुलाकात करेंगे, जिन्होंने रात में एक वीडियो संदेश में आगाह किया कि रूसी ‘नए, बड़े पैमाने पर हमले करके कुछ न कुछ जीत हासिल करने की अपनी कोशिशों को नहीं छोड़ रहे हैं।’
डेनमार्क के प्रधानमंत्री ने एक बयान में कहा, ‘पश्चिमी देश यूक्रेनी लोगों के समर्थन में एक साथ खड़े हैं।’ इस बीच, रूस ने कहा है कि उसने संघर्ष को खत्म करने के लिए अपनी मांगों का एक मसौदा यूक्रेन को सौंपा है। वैश्विक तनाव बढऩे पर रूस ने नई तरह की अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल ‘सरमट’ के पहले सफल परीक्षण की जानकारी दी।