facebookmetapixel
PM Kisan Scheme: कब तक आएगी पीएम किसान की 21वीं किस्त? जानें क्यों हो रही देरीAI शेयरों की कीमतें आसमान पर, अब निवेशकों के लिए भारत बन रहा है ‘सेफ हेवन’! जानिए वजहDelhi Pollution: दिल्ली बनी गैस चेंबर! AQI 425 पार, कंपनियों ने कहा – ‘घर से ही काम करो!’Tata का Power Stock देगा मोटा मुनाफा! मोतीलाल ओसवाल का BUY रेटिंग के साथ ₹500 का टारगेटपिछले 25 वर्षों में राजधानी दिल्ली में हुए 25 धमाकेNPS, FD, PPF या Mutual Fund: कौन सा निवेश आपके लिए सही है? जानिए एक्सपर्ट सेसोने में फिर आने वाली है जोरदार तेजी! अक्टूबर का भाव भी छूटेगा पीछे – ब्रोकरेज ने बताया नया ऊंचा टारगेटसिर्फ एक महीने में 10% उछले रिलायंस के शेयर! ब्रोकरेज ने कहा- खरीद लो, अब ₹1,785 तक जाएगा भाव!टाटा मोटर्स CV के शेयर 28% प्रीमियम पर लिस्ट, डिमर्जर के बाद नया सफर शुरूक्या आपका डिजिटल गोल्ड अब खतरे में है? एक्सपर्ट ने दी राय – होल्ड करें या कैश आउट करें?

राजनाथ का अमेरिकी प्रतिरक्षा कंपनियों को आमंत्रण

Last Updated- December 11, 2022 | 7:40 PM IST

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि अमेरिकी कंपनियों की तरफ से मिलने वाले आर्डर ने भारत के प्रतिरक्षा निर्यातों को मजबूती प्रदान की है और भारत में रोजगार के सृजन में मदद की है।
उन्होंने कहा, ‘भारतीय कंपनियों ने पिछले पांच वर्षों में करीब 2.5 अरब डॉलर का निर्यात किया जो इस दौरान किए गए कुल निर्यातों का 35 फीसदी है।’       
इसके बावजूद भारत रक्षा मंत्रालय के 2018 के रक्षा उत्पादन नीति में निर्दिष्ट विनिर्मित और निर्यात लक्ष्यों से काफी पीछे रह गया। इसमें लक्ष्य तय किया गया था कि 2025 तक हवाई क्षेत्र और प्रतिरक्षा सामान तथा सेवाओं का सालाना कारोबार 1.7 लाख करोड़ रुपये (लगभग 26 अरब डॉलर) तक पहुंचाया जाएगा और करीब 20 से 30 लाख लोगों के लिए रोजगार सृजन किया जाएगा।
इसके अलावा यह 2018 के रक्षा उत्पादन नीति में 2025 तक 35,000 करोड़ रुपये (करीब 5 अरब डॉलर) के प्रतिरक्षा सामानों और सेवाओं के निर्यात लक्ष्य से भी दूर है।   रक्षा मंत्री ने ये बातें बुधवार को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स इन इंडिया (एएमसीएचएएम इंडिया) के 30वें सालाना आम बैठक में कही। 1992 में स्थापित एएमसीएचएएम इंडिया भारत में परिचालन करने वाली अमेरिकी कंपनियों का एक संघ है। इसमें 400 से अधिक अमेरिकी कंपनियां सदस्य हैं।
राजनाथ सिंह ने अमेरिकी कंपनियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से दिए गए आत्मनिर्भर भारत पहल का फायदा उठाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि वे भारत में संयुक्त रूप से शोध एवं विकास, सह उत्पादन, सह-विकास, निवेश संवद्र्घन और विकास रखरखाव, मरम्मत तथा फेरबदल (एमआरओ) संयंत्र लगाने के लिए आगे आएं।  

First Published - April 21, 2022 | 11:51 PM IST

संबंधित पोस्ट