MEA Secretary (West) Tanmay Lal/ MEA
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अगस्त और 1 सितंबर 2025 को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के 25वें राष्ट्राध्यक्षों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तिआनजिन, चीन का दौरा करेंगे। विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तमन्य लाल ने प्रेसवार्ता में बताया कि यह दौरा चीन के राष्ट्रपति महामहिम शी जिनपिंग के निमंत्रण पर हो रहा है। शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ जैसी तीन बुराइयों से मुकाबले के उद्देश्य से हुई थी। आज यह संगठन क्षेत्रीय सहयोग का एक व्यापक मंच बन चुका है, जिसमें सुरक्षा, व्यापार, कनेक्टिविटी, संस्कृति और पर्यावरण जैसे विविध क्षेत्र शामिल हैं।
वर्तमान में SCO के 10 सदस्य देश हैं — भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, बेलारूस, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिज़स्तान और ताजिकिस्तान। इसके अलावा कई संवाद साझेदार और पर्यवेक्षक देश भी इसमें शामिल हैं। भारत 2005 से SCO का पर्यवेक्षक और 2017 से पूर्ण सदस्य है। भारत ने 2020 में SCO के शासनाध्यक्षों की परिषद की अध्यक्षता की थी और 2022-2023 में राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की अध्यक्षता भी की। भारत सक्रिय रूप से SCO की सभी संस्थागत प्रक्रियाओं में भाग लेता रहा है और विभिन्न मंत्रीस्तरीय तथा संवाद स्तर की बैठकों में अपनी भागीदारी दर्ज कराता रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी इससे पहले भी कई SCO शिखर सम्मेलनों में भाग ले चुके हैं:
2023 में भारत की अध्यक्षता में आयोजित 23वें SCO शिखर सम्मेलन की थीम थी ‘SECURE SCO’, जिसमें ‘SECURE’ का मतलब था —
S – Security (सुरक्षा)
E – Economy and Trade (अर्थव्यवस्था व व्यापार)
C – Connectivity (कनेक्टिविटी)
U – Unity (एकता)
R – Respect for Sovereignty & Territorial Integrity (संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान)
E – Environment (पर्यावरण)
भारत की अध्यक्षता के दौरान कई महत्वपूर्ण पहलें की गईं —
भारत ने 2021-22 में SCO RATS (क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना) परिषद की अध्यक्षता भी की। इस वर्ष फरवरी में SCO RATS के महासचिव नुरलान यरमेकबायेव भारत यात्रा पर आए और सुरक्षा सहयोग पर उपयोगी बातचीत हुई। ICWA ने मई 2025 में 20वें SCO फोरम की मेजबानी की, जिसका विषय भी ‘SECURE SCO’ था। हाल के महीनों में भारत के NSA, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री ने SCO की अलग-अलग बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत की क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और कनेक्टिविटी को लेकर प्रतिबद्धता को दर्शाती है। भारत का सक्रिय योगदान SCO को अधिक समावेशी और प्रगतिशील मंच बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभा रहा है।
Explainer: पीएम मोदी के 5 देशों के दौरे से Rare Earth Minerals मामले में क्या मिला?
BS Special: रुस से Crude import कर कैसे भारत हासिल कर रहा ऊर्जा सुरक्षा