प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन से टेलीफोन पर बातचीत की। दोनों नेताओं ने भारत और रूस के बीच ‘विशेष और गौरवपूर्ण रणनीतिक साझेदारी’ को ‘और गहरा’ करने का संकल्प जताया। मोदी ने पुतिन को इस वर्ष के अंत में 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने का निमंत्रण भी दिया।
मोदी और पुतिन के बीच फोन पर बात तथा मॉस्को-नई दिल्ली संबंधों को और गहरा करने का दोनों नेताओं का संकल्प समय के हिसाब से बेहद महत्त्वपूर्ण है। दोनों दिग्गज नेताओं के बीच बात तब हुई है, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने के कारण भारत से अमेरिका जाने वाली वस्तुओं पर 25 प्रतिशत जुर्माना लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। अब व्हाइट हाउस से भारतीय वस्तुओं पर लगाया गया कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गया है, जिसकी गिनती दुनिया के किसी भी देश पर अमेरिका द्वारा लगाए गए सबसे अधिक शुल्कों में हो रही है।
मोदी ने गुरुवार को ब्राजील के राष्ट्रपति लुई इनासियो लूला डा सिल्वा से बात की थी। इसमें दोनों ने ऊंचे शुल्क सहित तमाम मसलों पर चर्चा की। अमेरिका ने ब्राजील पर भी इसी तरह ऊंचा शुल्क लगा दिया है। मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन के उत्तरी शहर तियानचिन में शांघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं। इस दौरान उनकी चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक भी हो सकती है। रूस, चीन, भारत और ब्राजील ब्रिक्स के संस्थापक सदस्य हैं तथा इन देशों के शीर्ष नेताओं के बीच हालिया बातचीत अमेरिका द्वारा शुल्क बढ़ोतरी के कारण अहम हो गई है। अमेरिका ने रूसी तेल खरीदने के कारण भारत पर जुर्माना भी लगाया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा शुल्क और जुर्माने के आदेश पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद बुधवार को एक संक्षिप्त बयान में भारत ने अमेरिका के इस कदम को अनुचित और बेतुका बताया था। केंद्र सरकार ने अपने बयान में कहा था, ‘भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा।’ एक्स पर एक पोस्ट में शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने कहा कि मित्र राष्ट्रपति पुतिन के साथ उनकी बहुत अच्छी और विस्तृत बातचीत हुई। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैंने यूक्रेन पर नवीनतम घटनाक्रम की जानकारी देने के लिए उन्हें धन्यवाद किया। हमने अपने द्विपक्षीय एजेंडे में प्रगति का भी जायजा लिया।’ उन्होंने कहा, ‘मैं इस वर्ष के अंत में भारत में राष्ट्रपति पुतिन की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हूं।’ मोदी-पुतिन फोन पर बातचीत भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल द्वारा मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति से मुलाकात करने और रूस की सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगु के साथ बातचीत करने के एक दिन बाद हुई, जहां दोनों ने भारत और रूस की रणनीतिक साझेदारी के प्रति संकल्प जताया।
सरकारी स्वामित्व वाले रूसी मीडिया के अनुसार पुतिन ने दिन में चीनी राष्ट्रपति शी के साथ भी फोन पर बातचीत की। दोनों ने ट्रंप के दूत स्टीव विटकोफ की मॉस्को यात्रा पर चर्चा की। शी ने कहा कि रूस और अमेरिका के बीच संपर्क का चीन स्वागत करता है। रूस और अमेरिका ट्रंप और पुतिन के बीच जल्द ही एक बैठक आयोजित करने पर विचार कर रहे हैं। एक अन्य घटनाक्रम में चीन ने शुक्रवार को एससीओ के तियानचिन शिखर सम्मेलन में मोदी की प्रस्तावित यात्रा का स्वागत करते हुए इस कार्यक्रम को एकजुटता, दोस्ती और फलदायी परिणामों वाला बताया। मोदी सात साल बाद चीन जाएंगे।