प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ब्रिटेन में रह रहे भारत के आर्थिक अपराधियों और भगोड़ों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री से मदद मांगी है। वहीं भारत की जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ब्रिटेन की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी ने समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जिससे संगठित अपराध, गंभीर धोखाधड़ी और अवैध आव्रजन के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई की जा सके।
लंदन में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किअर स्टार्मर के साथ संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण के मामले में हमारी एजेंसियां तालमेल और सहयोग के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगी। इस समझौते का उद्देश्य खुफिया जानकारी साझा करने और परिचालन सहयोग के माध्यम से भ्रष्टाचार, गंभीर धोखाधड़ी, संगठित अपराध और अनियमित प्रवासन से निपटने में सहयोग को बढ़ाना है।
नीरव मोदी, ललित मोदी और विजय माल्या जैसे आर्थिक अपराधी वर्तमान में ब्रिटेन में रह रहे हैं। मंगलवार को भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत ने कुछ भगोड़ों को सौंपने का मामला एजेंडे में शामिल रखा है। इससे पहले मोदी और स्टार्मर ने बकिंघमशर के चेकज स्थित ब्रिटिश प्रधानमंत्री के निवास पर आपसी बैठक के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी की। यह वार्ता 3 घंटे तक चली। मिस्री ने लंदन में एक प्रेस वार्ता में बताया कि व्यापार समझौते (सीईटीए) पर हस्ताक्षर के अलावा दोनों पक्ष एक दोहरे योगदान समझौते पर बातचीत करने पर सहमत हुए हैं, जो सीईटीए के साथ ही लागू होगा।