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इंडिया से भारत: देश का नाम बदलने पर कितने हजार करोड़ होंगे खर्च ? जानें

लिवियर के मॉडल के हिसाब से चले तो भारत को 14,034 करोड़ रुपये तक खर्च करना पड़ सकता है, जो कि केंद्र द्वारा अपने खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम पर हर महीने खर्च किये जाने वाले खर्च से

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- September 07, 2023 | 10:51 AM IST

India Name Change: देश में अटकलें लगाई जा रही हैं कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इस महीने के अंत में एक विशेष संसद सत्र में इंडिया का नाम बदलकर ‘भारत’ कर सकती है। हालांकि, किसी देश का नाम बदलना कितना महंगा पड़ सकता है ऐसा कुछ मॉडल है जो इसका सुझाव देते हैं।

साउथ अफ्रीका के इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी वकील और ब्लॉगर डेरेन ओलिवियर के मॉडल का उपयोग करते हुए समाचार आउटलेट आउटलुक ने नाम बदलने को लेकर यह भारत के लिए यह आंकड़ा 14,000 करोड़ रुपये से ज्यादा होने का अनुमान लगाया है। हालांकि, बिजनेस स्टैण्डर्ड ने इस आंकड़े की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की है।

ओलिवियर ने इस मॉडल का इस्तेमाल साल 2018 में किया था। तब स्विट्ज़रलैंड ने अपना नाम बदलकर इस्वातिनी कर लिया था। ओलिवियर का मॉडल किसी देश का नाम बदलने की तुलना बड़े निगमों में रीब्रांडिंग के आधार पर है।

ओलिवियर के मॉडल की माने तो, एक बड़ी कंपनी का मार्केटिंग पर एवरेज खर्च उसके कुल रेवेन्यू का लगभग 6 प्रतिशत होता है। वहीं, रीब्रांडिंग पर कुल खर्च 10 प्रतिशत तक हो सकता है।

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नाम बदलने के लिए भारत को खर्चने पड़ सकते है 14,034 करोड़ रुपये

रिपोर्ट के अनुसार, भारत की कुल राजस्व प्राप्तियां (revenue receipts) 31 मार्च, 2023 को समाप्त वित्त वर्ष में 23.84 लाख करोड़ रुपये थीं। इस प्रकार, ओलिवियर के मॉडल के हिसाब से चले तो भारत को 14,034 करोड़ रुपये तक खर्च करना पड़ सकता है, जो कि केंद्र द्वारा अपने खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम पर हर महीने खर्च किये जाने वाले खर्च से अधिक है।

कुछ भारतीय नेताओं ने भी राष्ट्र के नाम के ‘ब्रांड मूल्य’ के महत्व को पहचाना है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने मंगलवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “भारत को ‘भारत’ कहने में कोई संवैधानिक आपत्ति नहीं है, जो कि देश के दो आधिकारिक नामों में से एक है। मुझे उम्मीद है कि सरकार इतनी मूर्ख नहीं होगी कि “इंडिया” को पूरी तरह से ख़त्म कर दे, जिसकी ब्रांड वैल्यू सदियों से बेशुमार है।”

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उन्होंने कहा, “इतिहास को फिर से जीवंत करने वाले नाम, दुनिया भर में पहचाने जाने वाले नाम पर अपना दावा छोड़ने के बजाय हमें दोनों शब्दों का इस्तेमाल जारी रखना चाहिए।”

गुलामी का बोझ, श्रीलंका और थाईलैंड भी बदल चुके है अपना नाम

अपनी औपनिवेशिक विरासतों (colonial legacies) से कुछ बोझ कम करने के लिए कई देशों द्वारा अपना नाम बदलने के बाद भारत का स्थान अगला है। उदाहरण के लिए, श्रीलंका ने 2011 में अपना नाम सीलोन से बदल लिया और थाईलैंड ने अपना नाम सियाम से बदल लिया था।

बता दें कि मंगलवार को उस समय विवाद खड़ा हो गया जब राष्ट्रपति भवन ने कथित तौर पर 9 सितंबर को जी20 रात्रिभोज के लिए सामान्य ‘इंडिया के राष्ट्रपति’ के बजाय ‘भारत के राष्ट्रपति’ के नाम पर निमंत्रण भेजा। कुछ रिपोर्टों के माने तो सरकार 18 सितंबर को बुलाये गए संसद के विशेष सत्र में इंडिया का नाम बदलकर भारत कर सकती है।

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First Published : September 7, 2023 | 10:00 AM IST