न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन के साथ प्रधानमंत्री मोदी
न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने मंगलवार को कहा कि वह 60 दिन में भारत के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद कर रहे हैं। यह समझौते होने से 10 साल में द्विपक्षीय व्यापार में 10 गुना वृद्धि की उम्मीद है। भारत और न्यूजीलैंड ने आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए लगभग 10 साल बाद रविवार को प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते पर फिर से बातचीत शुरू करने की घोषणा की। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री 16 मार्च से चार दिन की यात्रा पर भारत में हैं।
उद्योग निकाय फिक्की (FICCI) के कार्यक्रम भारत-न्यूजीलैंड आर्थिक शिखर सम्मेलन में लक्सन ने कहा, ‘‘आइए इस रिश्ते को आगे बढ़ाएं और मैं प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 60 दिन के भीतर इस समझौते पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद करता हूं।’’
व्यापार विशेषज्ञों के अनुसार, बातचीत में सेब, कीवी, डेयरी और वाइन जैसे कृषि उत्पादों पर शुल्क रियायतें देने के मुद्दे पर कुछ कठिनाई आ सकती है।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘‘मैं आपको बता सकता हूं कि अगले 10 वर्षों में हम दोनों मिलकर 10 गुना वृद्धि हासिल कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि अगर दोनों देश पूरक अर्थव्यवस्थाओं की भावना से काम करेंगे, तो शायद ही किसी बिंदु पर एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ेगी।
प्रस्तावित व्यापार समझौता अगले 10 वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को 10 गुना तक बढ़ा सकता है। चूंकि दोनों देश विकास के विभिन्न चरणों में हैं, इसलिए कृषि-तकनीक, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण, फार्मास्यूटिकल्स, नवीकरणीय ऊर्जा, महत्वपूर्ण खनिज, वानिकी, बागवानी, पर्यटन और खेल जैसे क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाएं हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
गोयल ने आगे कहा कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच प्रतिस्पर्धा के क्षेत्र बहुत कम हैं। हालांकि, कुछ संवेदनशील मुद्दे हैं, लेकिन उन्हें आपसी सम्मान और सहयोग की भावना से हल किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “हम बहुत महत्वाकांक्षी हैं और समान रूप से तेज़ी से इस (FTA) को पूरा करने की आकांक्षा रखते हैं; शायद और भी तेजी से।”
डेयरी के दोनों देशों के बीच एक अहम मुद्दा होने पर, न्यूजीलैंड के व्यापार मंत्री टॉड मैक्ले ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमारे बीच व्यापार बढ़ाने के कई अवसर हैं।’’
भारत और न्यूजीलैंड ने 10 वर्षों के अंतराल के बाद FTA वार्ता फिर से शुरू करने की घोषणा की। दोनों देशों ने 14 साल पहले FTA वार्ता शुरू की थी, लेकिन 10 दौर की बातचीत के बाद यह रुकी रह गई। फरवरी 2015 के बाद कोई औपचारिक वार्ता नहीं हुई थी।
भारत और न्यूजीलैंड के बीच कुछ जटिल मुद्दों के कारण समझौते को अंतिम रूप देने में देरी हुई। दोनों देश पहले “क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी” (RCEP) का हिस्सा बनने की वार्ता कर रहे थे, जो चीन समर्थित व्यापार समूह है। हालांकि, भारत 2019 में RCEP से बाहर हो गया।
न्यूजीलैंड अपने कृषि उत्पादों और वाइन के लिए भारत में अधिक बाजार पहुंच चाहता है, लेकिन भारत अपने कृषि क्षेत्र की सुरक्षा के लिए डेयरी उत्पादों और शराब पर उच्च आयात शुल्क बनाए रखे हुए है। भारत के लिए डेयरी उत्पाद जैसे दूध, मक्खन और चीज़ एक ‘रेड लाइन’ हैं, क्योंकि यह राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा है।
भारत आईटी और सेवा क्षेत्र में बेहतर पहुंच और अपने कुशल पेशेवरों के लिए वीज़ा प्रक्रियाओं में ढील की मांग कर रहा है।
दिल्ली स्थित थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुसार, भारत के न्यूजीलैंड से डेयरी उत्पादों का आयात वर्तमान में बहुत कम है (लगभग $0.57 मिलियन)। भारत कुछ सीमित वैल्यू-एडेड डेयरी उत्पादों के आयात पर विचार कर सकता है, लेकिन कच्चे डेयरी उत्पादों के आयात के लिए स्पष्ट रूप से विरोध करता है।
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका का दबाव भी भारत के डेयरी और कृषि क्षेत्र को खोलने के लिए बढ़ सकता है, जिससे इन वार्ताओं पर प्रभाव पड़ सकता है।
वर्ष 2023-24 में न्यूजीलैंड (NZ) ने भारत को 0.84 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य का कुल वस्त्र और सेवाओं का निर्यात किया, जबकि भारत से 0.91 अरब अमेरिकी डॉलर का आयात किया। इस तरह दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 1.75 अरब अमेरिकी डॉलर का रहा।
भारत द्वारा न्यूजीलैंड से आयात किए जाने वाले प्रमुख उत्पाद:
ऊन (Wool)
लौह और इस्पात (Iron & Steel)
फल और मेवे (Fruit & Nuts)
एल्यूमीनियम (Aluminium)
भारत द्वारा न्यूजीलैंड को निर्यात किए जाने वाले प्रमुख उत्पाद:
फार्मास्यूटिकल्स/दवाएं (Pharmaceuticals/Medications)
यांत्रिक मशीनरी (Mechanical Machinery)
तैयार कपड़ा उत्पाद (Made-up Textile Articles)
मोती, कीमती पत्थर और धातु (Pearls, Precious Stones & Metals)
न्यूजीलैंड में भारतीय कंपनियां:
सभी प्रमुख भारतीय आईटी कंपनियां न्यूजीलैंड में मौजूद हैं।
बैंकिंग और बीमा क्षेत्र: बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, न्यू इंडिया एश्योरेंस (New India Assurance)
अन्य भारतीय कंपनियां: HCL,महिंद्रा मोटर्स,टेक महिंद्रा लिमिटेड, TCS (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज), इन्फोसिस (Infosys), डॉ. रेड्डीज लैबोरेट्रीज (Dr. Reddy’s Laboratories), रॉयल एनफील्ड मोटर्स (Royal Enfield Motors),
भारत में न्यूजीलैंड की कंपनियां: गैलाघर ग्रुप (Gallagher Group), सीलेग्स (Sealegs), हैमिल्टन जेट (Hamilton Jet), ग्लाइडपाथ (Glidepath), क्वालिटी NZ (Quality NZ), रेडिजाइन ग्रुप (Redesign Group), वेलोसिटी (Valocity).
इसके अलावा, Rakon NZ ने बेंगलुरु में एक संयुक्त उद्यम (JV) के तहत Centum Electronics Limited के साथ एक उत्पादन इकाई (manufacturing unit) स्थापित की है, जो दूरसंचार उत्पादों (telecommunications products) में विशेषज्ञता रखती है। इस कंपनी के चिप्स चंद्रयान-3 मिशन में इस्तेमाल किए गए थे।
वैश्विक व्यापार में हो रहे बड़े बदलावों के कारण यह FTA वार्ता महत्वपूर्ण मानी जा रही है। विभिन्न देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौतों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इसी कड़ी में भारत भी कई देशों के साथ FTA पर चर्चा कर रहा है। भारत वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका (US), यूनाइटेड किंगडम (UK), यूरोपीय संघ (EU) और ओमान के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है। भारत और ऑस्ट्रेलिया भी व्यापक FTA पर चर्चा कर रहे हैं। भारत का लक्ष्य 2025 के अंत तक US, EU और न्यूजीलैंड के साथ FTA पर हस्ताक्षर करना है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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