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Iran-Israel Conflict: पश्चिम एशिया में इज़रायल और ईरान के बीच लगातार छह दिनों तक मिसाइल हमलों के बाद अब हालात और तनावपूर्ण हो गए हैं। इस बीच, अमेरिका ईरान पर संभावित सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वॉशिंगटन उन जरूरी व्यवस्थाओं को जुटा रहा है, जो तेहरान के साथ सीधे टकराव की स्थिति में काम आ सकती हैं।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि स्थिति अभी भी बदल रही है, इसलिए आखिरी फैसला बदल भी सकता है। कुछ अधिकारियों ने यह संकेत दिया है कि वीकेंड के दौरान हमला हो सकता है, जबकि कुछ का कहना है कि अमेरिका की कई केंद्रीय एजेंसियों को पहले से तैयार रहने को कहा गया है।
इस घटनाक्रम से कुछ घंटे पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा कि उनका ईरान को लेकर धैर्य अब खत्म हो चुका है और वे हमला करेंगे या नहीं, इसका फैसला उन्होंने अब तक नहीं किया है। ट्रंप ने कहा, “अब और एक हफ्ते पहले की स्थिति में बहुत फर्क है। किसी को नहीं पता कि मैं क्या करने वाला हूं।”
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अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि वह ईरान को किसी भी हालत में परमाणु हथियार विकसित नहीं करने देंगे। उन्होंने ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई को ‘गुड लक’ कहा और दावा किया कि उन्होंने इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से कहा है कि वह आगे बढ़ते रहें।
आयतुल्ला खामेनेई ने बुधवार को अमेरिका को चेतावनी दी कि अगर उसने इज़राइल की ओर से ईरान पर हो रहे हमलों में शामिल होने की कोशिश की, तो इसके गंभीर और अपूरणीय परिणाम होंगे। यह बयान तब आया जब ट्रंप ने ईरान से ‘बिना शर्त आत्मसमर्पण’ की मांग की और सोशल मीडिया पर दावा किया कि उन्हें पता है खामेनेई कहां छिपे हैं। हालांकि ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका अभी उन्हें मारेगा नहीं।
इस पूरे घटनाक्रम के बीच ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि सप्ताहांत तक ईरान पर हमला हो सकता है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिकी संघीय एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी संभावित हमले की तैयारी में जुट चुके हैं।
वाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, “अब और एक हफ्ते पहले की स्थिति में बड़ा फर्क है। कोई नहीं जानता कि मैं क्या करने वाला हूं। हो सकता है हमला करूं, हो सकता है नहीं करूं।”
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13 जून को इसराइल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ शुरू करते हुए ईरान की राजधानी तेहरान में स्थित कुछ परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। यह कार्रवाई तेहरान के तेजी से आगे बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को लेकर बढ़ते तनाव के बीच की गई।
इसराइल के हमलों के बाद ईरान ने भी जवाबी हमला किया। अब यह संघर्ष सातवें दिन में प्रवेश कर चुका है और फिलहाल इसका कोई समाधान नजर नहीं आ रहा।
इसराइली हमलों में अब तक ईरान के कम से कम 224 लोगों की जान जा चुकी है। जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इसराइल पर 400 बैलिस्टिक मिसाइलें और सैकड़ों ड्रोन दागे, जिनमें 24 लोगों की मौत हो गई और 800 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।