निवेशकों का हेज फंड से मोह भंग हो रहा है। नैस्डैक ईवेस्टमेंट के मुताबिक मार्च में निवेशकों ने हेज फंड से करीब 9.9 बिलियन डॉलर निकाल लिए। ये रकम फरवरी में निकाली गई रकम (780 मिलियन डॉलर) से काफी ज्यादा है।
गौर करने वाली बात ये है कि ये लगातार 22वां महीना है जब निवेशकों ने हेज फंड से कुल निवेश से ज्यादा पैसा निकाला है। रिपोर्ट ये भी कहती है कि भले ही मार्च में निकाली गई रकम बहुत बड़ी नहीं है, लेकिन निवेशकों की हेज फंड में नए पैसे लगाने की इच्छा कम होती जा रही है।
नैस्डैक ईवेस्टमेंट की रिपोर्ट के अनुसार वैकल्पिक जोखिम प्रीमियम (बाजार के उतार-चढ़ाव से बचने के लिए बनाई गई रणनीति) ने तिमाही में करीब 12% का रिटर्न दिया। वहीं दूसरी सबसे सफल रणनीति, प्रबंधित वायदा ने मार्च में 4% और साल की पहली तिमाही में करीब 9% का रिटर्न दिया।
लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि 10 तरह की अलग-अलग रणनीतियों में से सिर्फ चार में ही नए निवेश आए। इनमें से दो बॉन्ड ट्रेडिंग हेज फंड थे, जो बाजार की दिशा का अनुमान लगाकर निवेश करते हैं और अलग-अलग बॉन्ड की कीमतों में अंतर से फायदा कमाते हैं।
नैस्डैक ईवेस्टमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च में मल्टी-स्ट्रेटेजी हेज फंड्स (दुनिया के कुछ बड़े हेज फंड्स इसी दायरे में आते हैं) से सबसे ज्यादा निकासी देखी गई, जो करीब 2.7 बिलियन डॉलर थी।
लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि कुल संपत्ति के मामले में मल्टी-स्ट्रेटेजी हेज फंड्स ने अब तक का रिकॉर्ड बनाया है। मार्च में इन फंड्स के पास $700 बिलियन से भी ज्यादा की संपत्ति थी। ये आंकड़ा उत्तोलन, लीवरेज और नए निवेशों को ध्यान में रखकर निकाला गया है।