रूस-यूक्रेन टकराव में आज एक भारतीय छात्र की मौत हो गई। यूक्रेन के खारकीव में बमबारी के दौरान कर्नाटक के हावेरी जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले नवीन शेखरप्पा ज्ञानगोदार को जान गंवानी पड़ी।
रूस की सेना कीव में घुसने को तैयार थी, इसलिए उस शहर में स्थित भारतीय दूतावास ने सभी भारतीयों को संदेश भेजा कि वे किसी भी तरह जल्द से जल्द शहर से बाहर निकल जाएं। भारतीय दूतावास के निकट मौजूद 400 छात्रों को सफलतापूर्वक रोमानिया भेज दिया गया और वे घर लौट रहे हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन में जारी युद्ध के मद्देनजर वहां से भारतीयों, विशेषकर छात्रों की सुरक्षित निकासी को केंद्र में रखते हुए मंगलवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्राथमिकता यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाना है। इससे पहले भारतीय दूतावास ने आज ही विद्यार्थियों सहित सभी भारतीय नागरिकों को तुरंत कीव छोडऩे की सलाह दी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि विदेश सचिव ने रूस और यूक्रेन के राजदूतों से बात की है और युद्धग्रस्त खारकीव एवं अन्य क्षेत्रों में मौजूद भारतीय नागरिकों की ‘सुरक्षित निकासी’ की भारत की मांग दोहराई है। उन्होंने कहा, ‘रूस और यूक्रेन में मौजूद हमारे राजदूत भी ऐसे ही कदम उठा रहे हैं।’ राष्ट्रपति भवन ने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले और उन्हें भारतीय छात्रों को निकालने के प्रयासों की जानकारी दी। इसके बाद प्रधानमंत्री भी राष्ट्रपति से मिले।
मंगलवार को दो और उड़ानें करीब 400 भारतीयों को लेकर दिल्ली और मुंबई में उतरीं। बहुत से सांसदों के पास यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों के परिवारों के फोन आ रहे हैं, इसलिए जयशंकर ने सांसदों से कहा है कि वे सीधे उनके कार्यालय से संपर्क करें और ऐसे लोगों के बारे में सूचना साझा करें। केंद्रीय मंत्री ने कल सभी सांसदों को भेजे पत्र में कहा, ‘इस बात को लेकर सुनिश्चित रहें कि हम सभी पूछताछ एवं सूचनाओं का संज्ञान ले रहे हैं। विदेश मामलों के प्रतिनिधि उन सभी से मुलाकात करेंगे।’ उन्होंने एक ईमेल आईडी और व्हाट्सऐप नंबर भी साझा किया, जिस पर सांसद ब्योरे साझा कर सकते हैं।
उन्होंने अपने नंबरों और ईमेल आईडी के साथ भेजे पत्र में कहा, ‘स्वाभाविक तौर पर यूक्रेन में फंसे छात्रों एवं अन्य भारतीय नागरिकों के परिवार चिंतित होकर आपसे पूछताछ कर रहे होंगे, इसलिए विदेश मामलों के मंत्रालय ने सार्वजनिक हेल्पलाइन शुरू की है।’ मगर नवीन ज्ञानगोदार के लिए कुछ नहीं किया जा सकता है। वह एक बंकर में थे, लेकिन स्टोर से कुछ खरीदने के लिए बाहर निकले थे और बमबारी में मारे गए। सरकार ने ट्वीट किया, ‘हम गहरे दुख के साथ पुष्टि करते हैं कि खारकीव में आज सुबह बमबारी में एक भारतीय छात्र की जान चली गई।’ हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि खारकीव में फंसे भारतीय छात्रों की वास्तविक संख्या कितनी है। इस युद्धग्रस्त शहर में खाने-पीने की किल्लत बढ़ रही है, इमारतों में गर्माहट कम हो रही है और ईंधन भी खत्म हो रहा है।
अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति ने युद्धक्षेत्र में मौजूद अपनी टीमों के जरिये पूर्वी यूक्रेन की विकट स्थिति के बारे में जानकारी दी है। टीम के एक सदस्य ने कहा, ‘पूरे यूक्रेन के निवासी खौफ में अपने सगे-संबंधियों से संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इंटरनेट कनेक्टिविटी बहुत कमजोर है। लोग सुरक्षित स्थानों पर कई घंटों ठहर रहे हैं। कीव में ज्यादातर नागरिक इस दुविधा में हैं कि वहीं रुकें या पश्चिम की तरफ जाएं। ज्यादातर गलियां सुनसान पड़ी हैं, लेकिन दवा की दुकानों और बैंक मशीनों पर लंबी लाइनें लगी हैं।’
वहां के निवासियों के फोन से कॉल सेंटर जाम हैं। ‘जो लोग नहीं निकल पाए, उनसे हमने सुना है कि वे परिवहन की सुविधा उपलब्ध नहीं होने या बुढ़ापे या किसी शारीरिक दिक्कत के कारण ऐसा नहीं कर पाए। अन्य कॉलर ने कोई बिजली नहीं होने का जिक्र किया और कुछ की भावनात्मक स्थिति दयनीय है और वे टूटने के कगार पर हैं।’ कॉलर ने कहा, ‘भूमिगत बैंकर सुरक्षित हैं, लेकिन वहां बहुत ठंड है।’
इस बीच रूसी सेनाओं ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर जमकर बमबारी की। रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव के और करीब पहुंच गई है तथा करीब 40 मील के काफिले में रूस के टैंक और अन्य सैन्य वाहन कूच कर रहे हैं। क्रेमलिन के कठिन आर्थिक प्रतिबंधों के चलते अलग-थलग पडऩे के बीच रूसी सैनिकों ने यूक्रेन के दो सबसे बड़े शहरों की ओर आगे बढऩे का प्रयास किया। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमिर जेलेंस्की ने खारकीव के मुख्य चौराहे पर हुए मिसाइल हमले को निर्विवाद आतंक करार दिया और इसे युद्ध अपराध कहा। युद्ध को रोकने के लिए चल रही वार्ता केवल आगे की दौर की वार्ता पर सहमति बनने के साथ ही समाप्त हो गई है।
