तुर्की द्वारा गुणवत्ता की चिंताओं की वजह से भारतीय गेहूं की खेप को नहीं लेने की खबरों के बीच खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने इस मसले पर तुर्की के अधिकारियों से विवरण मांगा है। उन्होंने कहा कि संबंधित निर्यातक आईटीसी लिमिटेड ने दावा किया है कि 60,000 टन की निर्यात खेप को सभी जरूरी मंजूरियां प्राप्त थीं।
सचिव ने कहा कि इस बीच भारत द्वारा 13 मई को गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद पांच-छह देशों ने भारतीय गेहूं मंगाने का अनुरोध किया है और सरकार ने ऐसे देशों को अनाज के निर्यात के संबंध में मंजूरी देने के लिए एक समिति बनाई है।
उन्होंने कहा, ‘कुछ फैसले हुए हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि निर्यात प्रतिबंध लगाए जाने के बाद से गेहूं की खुदरा कीमतों में गिरावट का रुख दिख रहा है। पादप स्वच्छता संबंधी चिंताओं को लेकर तुर्की द्वारा भारतीय गेहूं की खेप को खारिज करने के बारे में पूछे जाने पर पांडेय ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमने इस रिपोर्ट की जांच की। यह आईटीसी द्वारा किया गया निर्यात था और यह गुणवत्ता की सभी जरूरतों को पूरा करता है।’ उन्होंने कहा कि निर्यात खेप में करीब 60,000 टन गेहूं था। भाषा
भारत ने दी कुछ मात्रा में गेहूं निर्यात की अनुमति
भारत ने पिछले महीने अधिकांश निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद से 4,69,202 टन गेहूं निर्यात की अनुमति दी है, लेकिन कम से कम 17 लाख टन गेहूं बंदरगाहों पर पड़ा हुआ है और मॉनसून की बारिश की आशंका से नुकसान हो सकता है। सरकार और उद्योग के अधिकारियों ने रॉयटर्स को यह जानकारी दी। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि अनुमति प्रदान की गई खेपें मुख्य रूप से बांग्लादेश, फिलिपींस, तंजानिया और मलेशिया गई हैं। रॉयटर्स