अंतरराष्ट्रीय

भारत इजराइल-फलस्तीन दोनों का मित्र, संकट कम करने में निभा सकता है अच्छी भूमिका: फलस्तीनी राजदूत

शनिवार से गाजा से हमास आतंकवादियों द्वारा इजराइल के खिलाफ बहु-आयामी हमलों और उसके बाद इजरायली जवाबी कार्रवाई में पिछले चार दिनों में 1,600 से अधिक लोग मारे गए हैं।

Published by
भाषा   
Last Updated- October 10, 2023 | 6:48 PM IST

Israel-Hamas War: फलस्तीन मुद्दे के साथ भारत की एकजुटता महात्मा गांधी के समय से चली आ रही है और अपने बढ़ते वैश्विक कद और पश्चिम एशिया के सभी प्रमुख पक्षों पर प्रभाव से वह इजराइल-हमास संघर्ष (Israel-Hamas War) से उत्पन्न संकट को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिहाज से अच्छी स्थिति में है। फलस्तीनी राजदूत अदनान अबु अलहैजा ने मंगलवार को यह बात कही।

‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में, अलहैजा ने विशेष रूप से कहा कि भारत इजरायल और फलस्तीन दोनों का एक “मित्र” है और वह तनाव कम करने की दिशा में काम करने और फलस्तीन मुद्दे के समाधान में योगदान देने में “सक्षम” है।

शनिवार से गाजा से हमास आतंकवादियों द्वारा इजराइल के खिलाफ बहु-आयामी हमलों और उसके बाद इजरायली जवाबी कार्रवाई में पिछले चार दिनों में 1,600 से अधिक लोग मारे गए हैं। बढ़ते तनाव के मद्देनजर वैश्विक चिंताएं और मतभेद भी बढ़ गए हैं।

अलहैजा ने कहा कि भारत यूरोपीय देशों, अमेरिका, पश्चिम एशिया के देशों से संपर्क कर सकता है और शांति की दिशा में काम करने के लिए इजरायल पर “दबाव” बना सकता है, जिससे वह (इजराइल) अब तक इनकार करता रहा है।

उन्होंने कहा, “भारत शुरू से जानता है कि फलस्तीनी मुद्दा क्या है, महात्मा गांधी के समय से। इसलिए, वे उस भूमिका को निभाने के लिए योग्य हैं, खासकर क्योंकि भारत दोनों (फलस्तीन और इजराइल) का मित्र है।”

राजदूत ने कहा कि भारत फलस्तीनी मुद्दे का समर्थक रहा है। उन्होंने कहा, “भारत एक बहुत ही महत्वपूर्ण देश है। मुझे लगता है, (भारत) इस मामले में नेतृत्व कर सकता है…भारत अच्छी भूमिका निभा सकता है।”

यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात की पैरवी कर रहे हैं कि भारत मध्यस्थ की भूमिका निभाए, उन्होंने जवाब दिया: “(मुझे) ऐसी उम्मीद है।” यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने इस बारे में भारत सरकार के संबंधित लोगों या विदेश मंत्रालय (एमईए) को बताया है, अलहैजा ने कहा कि उन्होंने लगभग दो साल पहले इसके लिए कहा था।

हमास उग्रवादियों के हमलों को पूरी तरह से अकारण और अस्वीकार्य बताते हुए इजराइल ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वह इस चुनौती से निपटेगा और अपराधियों को दंडित करेगा। वर्षों से, भारत यह कहता रहा है कि फलस्तीन के प्रश्न पर उसकी स्थिति स्पष्ट और सुसंगत रही है और वह दो-राज्य समाधान प्राप्त करने के लिए इजरायल और फलस्तीनियों के बीच सीधी बातचीत फिर से शुरू करने के सभी प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।

हमास द्वारा इजराइल के खिलाफ हमलों पर राजदूत ने कहा कि उसने जो किया है वह उस चीज की “प्रतिक्रिया” है जो इजराइल फलस्तीनी लोगों के साथ “लंबे समय से” कर रहा है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह हमास के उन हमलों की निंदा नहीं कर रहे हैं जिनमें निर्दोष नागरिक मारे गए, राजदूत ने कहा: “मैं असैन्य नागरिकों की हत्या की निंदा करता हूं – चाहे वे फलस्तीनी हों या इजरायली।”

उन्होंने कहा, “गाजा 22 लाख लोगों के लिए एक खुली जेल है। वे कहीं आ जा नहीं सकते, वे चिकित्सा उपचार के लिए बाहर नहीं जा सकते जब तक कि इजराइल से कोई उन्हें वेस्ट बैंक में आने की अनुमति नहीं देता।”

राजदूत ने संघर्ष क्षेत्र की स्थिति को “बहुत खराब” बताया। उन्होंने कहा, “स्थिति बहुत खराब है। वर्षों से हम दुनिया को चेतावनी दे रहे थे (इजरायलियों की कार्रवाई को लेकर) कि बिना किसी जवाबदेही के रोजाना क्या हो रहा है। हम हमेशा जवाबदेही की मांग कर रहे थे। जवाबदेही की विफलता के कारण अब जो हो रहा है, वह हो रहा है।” उन्होंने कहा, “अब, स्थिति दोनों ही तरफ बेहद खराब है।”

First Published : October 10, 2023 | 6:48 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)