facebookmetapixel
FD Rates: दिसंबर में एफडी रेट्स 5% से 8% तक, जानें कौन दे रहा सबसे ज्यादा ब्याजट्रंप प्रशासन की कड़ी जांच के बीच गूगल कर्मचारियों को मिली यात्रा चेतावनीभारत और EU पर अमेरिका की नाराजगी, 2026 तक लटक सकता है ट्रेड डील का मामलाIndiGo यात्रियों को देगा मुआवजा, 26 दिसंबर से शुरू होगा भुगतानटेस्ला के सीईओ Elon Musk की करोड़ों की जीत, डेलावेयर कोर्ट ने बहाल किया 55 बिलियन डॉलर का पैकेजत्योहारी सीजन में दोपहिया वाहनों की बिक्री चमकी, ग्रामीण बाजार ने बढ़ाई रफ्तारGlobalLogic का एआई प्रयोग सफल, 50% पीओसी सीधे उत्पादन मेंसर्ट-इन ने चेताया: iOS और iPadOS में फंसी खतरनाक बग, डेटा और प्राइवेसी जोखिम मेंश्रम कानूनों के पालन में मदद के लिए सरकार लाएगी गाइडबुकभारत-ओमान CEPA में सामाजिक सुरक्षा प्रावधान पर होगी अहम बातचीत

आईएमएफ व विश्व बैंक करेंगे युद्ध व कोविड पर चर्चा

Last Updated- December 11, 2022 | 7:52 PM IST

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंंक की वसंतकालीन बैठक अगले सप्ताह होने जा रही है। इसके एजेंडे में रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आपूर्ति शृंखला पर पडऩे वाले असर और जिंसों के बढ़ते दाम को कम करने के तरीकों पर विशेष ध्यान होगा। कोविड-19 के मामले बढऩे के कारण चीन के कुछ इलाकों में कड़े लॉकडाउन के साथ स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे पर निवेश जारी रखने की जरूरत को लेकर संयुक्त प्रस्ताव भी इसमें शामिल होगा।
बहरहाल बिजनेस स्टैंडर्ड को मिली जानकारी के मुताबिक एक प्रमुख वैश्विक मुद्दे क्रिप्टोकरेंसी के नियमन को एजेंडे में शामिल नहीं किया गया है और इस पर अलग से भी बात होने की संभावना नहीं है।
इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन भारत सरकार का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं, जो 18 अप्रैल से 24 अप्रैल के बीच वाशिंगटन डीसी में होने जा रही है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘स्पष्ट तौर पर यूक्रेन चर्चा के केंद्र में होगा। इसमें हिस्सा लेने वाले देश वैश्विक आपूर्ति शृंखला और जिंसों के दाम पर युद्ध के असर और वैश्विक ताकतों द्वारा इसके असर कम करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।’ अधिकारी ने कहा कि सम्मेलन के अंत में जारी होने वाले संयुक्त बयान का बड़ा हिस्सा यूक्रेन मेंं रूस के हस्तक्षेप पर केंद्रित हो सकता है।
उन्होंने कहा कि चर्चा का एक और प्रमुख मसला आईएमएफ कोटा में सुधार को लेकर होगा। इसके साथ ही जी-20 की भारत द्वारा आगामी अध्यक्षता पर असल से बात हो सकती है।
यूक्रेन के साथ जंग जारी है, ऐसे में बेंचमार्क ब्रेंट और डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल की कीमतें लगातार 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बनी हुई हैं, क्योंकि ओपेक का कहना है कि रूस से होने वाली आपूर्ति के नुकसान की भरपाई संभव नहीं लगती है।
इस साल की शुरुआत में एशिया की अर्थव्यवस्थाएं पश्चिमी देशों में आसमान छूती महंगाई के असर से बच गई थीं, अब यहां कीमतों में बढ़ोतरी दिख रही है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय दाम में उतार-चढ़ाव घरेलू महंगाई दर पर असर डाल रहा है। मार्च में भारत का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर बढ़कर 6.95 प्रतिशत हो गया, जो 17 महीने का उच्चतम स्तर है। यह लगातार तीसरा महीना है, जब महंगाई दर मौद्रिक नीति द्वारा रखे गए 4 प्रतिशत के लक्ष्य (2 प्रतिशत नीचे या ऊपर) से ऊपर रही है।
 इस बीच अमेरिका की वित्त मंत्री जनेट येलेन ने आईएमएफ और बहुपक्षीय विकास बैंंकों से अनुरोध किया है कि वे आधुनिकीकरण करें, जिससे वे 21सदी की जरूरतों के हिसाब से ढल सकें।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक येलन ने बुधवार को कहा कि देशों को आईएमएफ के प्रशासन पर भी विचार करने की जरूरत है, जिससे  ‘यह सुनिश्चित हो सके कि मौजूदा वैश्विक अर्थव्यवस्था और साथ ही सदस्य देशों का भी प्रतिनिधित्व करता है।’ उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि रूस के साथ संबंध रखने के कारण चीन जैसे देशों को आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने भारत का उल्लेख नहीं किया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में रूस के खिलाफ मतदान का बहिष्कार किया है।  इन परिस्थितियों में आगामी बसंत की बैठक दिलचस्प बन गई है।
चीन के वित्तीय केंद्र शांघाई में गुरुवार को 27,000 से ज्यादा कोविड-19 के मामले सामने आए हैं, जिसमें 2,573 लाक्षणिक संक्रमण शामिल है। यह एक दिन में संक्रमण का रिकॉर्ड है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि महामारी के नियंत्रण के कदम के रूप में देश को कड़ी गतितिशील कोविड मंजूरी की नीति निश्चित रूप से जारी रखने की जरूरत है।
चीन के तमाम शहरी केंद्रों में लॉकडाउन है, ऐसे में आईएमएफ-विश्व बैंक की बैठकों में कोविड अहम मसलों में से एक रहेगा। उपरोक्त उल्लिखित अधिकारी ने कहा, ‘स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे खासकर निचले स्तर पर पर निवेश जारी रखने पर बात होगी।’
बहरहाल क्रिप्टोकरेंसी के बारे में पूछे जाने पर अधिकरी ने कहा कि इसे चर्चा में शामिल किए जाने की संभावना कम है।

First Published - April 14, 2022 | 11:32 PM IST

संबंधित पोस्ट