facebookmetapixel
महंगे IPO में बढ़ते रिस्क पर एक्सपर्ट्स की चेतावनी: निवेशक वैल्यूएशन समझकर ही लगाएं पैसाBihar Election Results: प्रशांत किशोर की बड़ी हार! जन सुराज के दावे फेल, रणनीति पर उठे सवालBihar Results: कैसे हर चुनाव में नीतीश कुमार ने अपनी राजनीतिक रणनीति को जरूरत के हिसाब से बदला?ED के समन पर पेश नहीं हुए अनिल अंबानी, बढ़ सकती है मुश्किलें! एजेंसी ने नया नोटिस जारी कियाBihar Assembly Elections 2025: NDA की प्रंचड जीत पर बोले प्रधानमंत्री मोदी, कहा- यह सुशासन की जीत हैBihar Assembly Elections 2025: कई सीट के अंतिम नतीजे घोषित, NDA प्रत्याशियों की जीत का सिलसिला जारीBihar Election Result: बिहार में NDA की जोरदार वापसी, किसानों के लिए किए बड़े वादों पर अब सबकी नजरेंकांग्रेस का सूपड़ा साफ! कभी 196 सीटें जीतने वाली पार्टी आज सिर्फ 1 सीट पर आगे, भविष्य पर फिर उठे सवालMarket This Week: फार्मा-आईटी शेयरों में चमक से इस हफ्ते चढ़ा बाजार, निवेशकों को ₹7 लाख करोड़ का फायदालालू के दोनों लाल क्या बचा पाएंगे अपनी सीट? तेजस्वी दूसरे तो तेज प्रताप तीसरे नंबर पर; बढ़ रहा वोटों का अंतर

तुर्किये में ठीक तरह से राहत एवं बचाव कार्य नहीं चलाने को लेकर लोगों में रोष

Last Updated- February 13, 2023 | 4:48 PM IST
Turkey earthquake

तुर्किये के विनाशकारी भूकंप में जब जफर महमुत बॉनकुक की आवासीय इमारत ढह गयी, तो उसने पाया कि उसकी 75 वर्षीय मां अभी भी जीवित थीं लेकिन मलबे के नीचे दबी हुई थी।

बॉनकुक ने मलबे से अपनी मां को निकालने में मदद के लिए अंताक्या शहर में घंटों तक खोज की लेकिन उसे कोई भी नहीं मिला जो उसकी मदद कर सके। वह अपनी मां से बात कर पा रहा था, उनका हाथ पकड़ पा रहा था, उन्हें पानी पिला पा रहा था।

काफी मिन्नतों के बावजूद कोई भी मदद के लिए नहीं आया और भूकंप के अगले दिन मंगलवार को उसकी मां की मृत्यु हो गई। तुर्किये में कई अन्य लोगों की तरह, बॉनकुक के मन में भी इसको लेकर रोष है कि ऐतिहासिक आपदा के प्रति कार्रवाई अनुचित और अप्रभावी रही है जिसने वहां और सीरिया में हजारों लोगों की जान ले ली है।

बॉनकुक को राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन को लेकर गुस्सा है, खासकर इसलिए क्योंकि उसकी मां की जान बच सकती थी लेकिन उसे मलबे से निकालने में मदद के लिए कोई नहीं आया। बॉनकुक की मां के शव को इमारत के ढहने के लगभग एक हफ्ते बाद रविवार को निकाला गया। हालांकि बॉनकुक के पिता का शव अभी भी मलबे में दबा है।

बॉनकुक ने चिल्लाते हुए कहा, ‘‘अगर यह आपकी (रजब तैयब एर्दोआन) अपनी मां होती तो? विश्व नेता होने का क्या हुआ? आप कहां हैं? कहां?’’

60 वर्षीय बॉनकुक ने कहा, ‘‘मैंने उसे पीने के लिए पानी दिया, मैंने उसके चेहरे का मलबा साफ किया। मैंने उससे कहा कि मैं उसे बचा लूंगा। लेकिन मैं असफल रहा।’’

अन्य, विशेष रूप से सीरियाई सीमा के पास दक्षिणी हाते प्रांत में रहने वालों का कहना है कि एर्दोआन की सरकार ने सबसे प्रभावित क्षेत्र को सहायता देने में देरी की और लोगों का मानना है कि इसके पीछे राजनीतिक और धार्मिक दोनों कारण हैं।

First Published - February 13, 2023 | 4:48 PM IST

संबंधित पोस्ट