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यूक्रेन, Indo-Pacific क्षेत्र को लेकर EU ने दी रूस, चीन को चेतावनी; कहा- आक्रमण बर्दाश्त नहीं करेगा यूरोप

European Commission President Ursula von der Leyenने मनीला में Philippine के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर के साथ हुई बैठक के बाद यह बात कही

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भाषा   
Last Updated- July 31, 2023 | 5:13 PM IST

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेन (Ursula von der Leyen) ने विवादित दक्षिण चीन सागर पर बीजिंग के दावे को अमान्य घोषित करने वाले यूरोपीय संघ के वर्ष 2016 के मध्यस्थता फैसले को दोहराते हुए सोमवार को चेतावनी दी कि यूक्रेन हो या फिर हिंद-प्रशांत क्षेत्र, यूरोप आक्रमण बर्दाश्त नहीं करेगा।

वॉन डेर लेन ने आर्थिक, व्यापारिक और सुरक्षा संबंधों को बढ़ावा के मकसद से मनीला में फिलिपीन के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर के साथ हुई बैठक के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।

FTA के लिए फिलीपीन के साथ होगी बातचीत

दोनों नेताओं ने घोषणा की कि 27 राष्ट्रों का समूह (यूरोपीय संघ) 2017 में मार्कोस के पूर्ववर्ती रोड्रिगो दुतेर्ते (Rodrigo Duterte) के शासन में ठप पड़े मुक्त व्यापार समझौते के लिए फिलिपीन के साथ बातचीत फिर से शुरू करेगा।

वॉन डेर लेन ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का हवाला देते हुए सुरक्षा सहयोग बढ़ाने की वकालत की और कहा कि यह दर्शाता है कि कैसे अधिनायकवादी नेता ‘खतरे की परवाह किए बिना कुछ भी कर गुजरने को तैयार हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध ने अंतरराष्ट्रीय नियमों की नींव को हिलाकर रख दिया है। यह यूरोपीय संघ के नियमों और क्षेत्रीय अखंडता व संप्रभुता जैसे अंतरराष्ट्रीय कानून के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन है।’

Indo-Pacific की सुरक्षा जरूरी

वॉन डेर लेन ने कहा, ‘इसलिए यूरोप आक्रमणकारी रूस के खिलाफ यूक्रेन की जवाबी कार्रवाई का समर्थन करता है, क्योंकि बल का अवैध प्रयोग फिर चाहे वह यूक्रेन में हो या फिर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में, कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।’

उन्होंने कहा, ‘यूरोप में सुरक्षा और हिंद-प्रशांत में सुरक्षा को अलग-अलग करके नहीं देखा जा सकता है। आपस में जुड़े विश्व की नियम आधारित व्यवस्था के समक्ष पेश आनी वाली चुनौतियां हम सभी को प्रभावित करती हैं।’

यूरोपीय आयोग की नेता ने कहा, ‘यही कारण है कि हम हिंद-प्रशांत में बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित हैं। यूरोपीय संघ खुले एवं मुक्त हिंद-प्रशांत का समर्थन करता है, क्योंकि हमारी शांति और समृद्धि के लिए तनाव मुक्त हिंद-प्रशांत बहुत जरूरी है।’

First Published : July 31, 2023 | 5:13 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)