कतर ने जेल में बंद भारतीय नौसेना के उन आठ पूर्व कर्मियों को रिहा कर दिया है जिन्हें कथित रूप से जासूसी के एक मामले में पिछले साल अक्टूबर में मौत की सजा सुनाई गई थी। इनमें से सात भारत लौट आए हैं। रिहाई से 46 दिन पहले उनकी मौत की सजा को अलग अलग अवधि की कारावास सजा में तब्दील किया गया था।
ऐसा माना जाता है कि नौसेना के इन पूर्व कर्मियों के खिलाफ जासूसी का आरोप था। हालांकि न तो कतर के प्रशासन और न ही भारतीय अधिकारियों की तरफ से इसको सार्वजनिक किया गया कि इन लोगों के खिलाफ क्या आरोप थे। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संयुक्त अरब अमीरात की अपनी यात्रा के बाद 14 फरवरी को कतर की राजधानी दोहा की यात्रा करेंगे।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि रिहा किए गए आठ भारतीय नागरिकों में से सात भारत लौट आए हैं और देश अपने नागरिकों की रिहाई तथा उनकी घर वापसी को संभव बनाने के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करता है। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है।’’
मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘‘रिहा किए गए आठ भारतीयों में से सात भारत लौट आए हैं। हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी को संभव बनाने के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं।’’
कैप्टन (सेवानिवृत्त) नवतेज गिल और सौरभ वशिष्ठ, कमांडर (सेवानिवृत्त) पूर्णेंदु तिवारी, अमित नागपाल, एसके गुप्ता, बीके वर्मा, और सुगुनाकर पकाला और नाविक (सेवानिवृत्त) रागेश को सजा सुनाई गई थी। मामले से अवगत लोगों ने कहा कि तिवारी दोहा में ही रुके हैं और उनके जल्द ही भारत वापस आने की संभावना है। नौसेना के पूर्व कर्मियों को 26 अक्टूबर को कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।
खाड़ी देश की अपीलीय अदालत ने 28 दिसंबर को मृत्युदंड को कम कर दिया था और पूर्व नौसैन्य कर्मियों को अलग-अलग अवधि के लिए जेल की सजा सुनाई थी। निजी कंपनी अल दहरा के साथ काम करने वाले भारतीय नागरिकों को जासूसी के एक कथित मामले में अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था।
अपीलीय अदालत ने मौत की सजा को कम करने के बाद भारतीय नागरिकों को उनकी जेल की सजा के आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए 60 दिन का समय दिया था। पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुबई में ‘कॉप 28’ शिखर सम्मेलन के मौके पर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हम्माद अल-थानी से मुलाकात की थी और कतर में भारतीय समुदाय के कल्याण पर चर्चा की थी।
यह पता चला है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भारतीय नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने में कतर के अधिकारियों के साथ बातचीत में भूमिका निभाई थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आठ पूर्व नौसैनिकों की रिहाई को भारत के लिए ‘बड़ी कूटनीतिक जीत’ बताया और इसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को दिया। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने स्वदेश वापसी पर पूर्व नौसैनिकों का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘जैसे ही हमारे नौसेना के दिग्गज भारतीय धरती पर लौटे तो उन्होंने इसे संभव बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हार्दिक आभार व्यक्त किया।
उनके आभार के शब्द प्रधानमंत्री मोदी के प्रभावशाली नेतृत्व में वैश्विक मंच पर भारत के राजनयिक कौशल को रेखांकित करते हैं।’’ भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पूर्व नौसेना कर्मियों की घर वापसी खुशी का क्षण है और इससे किसी भी कीमत पर अपने नागरिकों की रक्षा करने की मोदी सरकार की गंभीरता और क्षमता में हमारा विश्वास और मजबूत हुआ है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मतलब दुनिया भर में भारत के लोगों के जीवन और स्वतंत्रता की गारंटी है।’’ भाजपा प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने कहा कि पूर्व नौसैनिकों की रिहाई भारत के लिए ‘बड़ी कूटनीतिक जीत’ है। उन्होंने कहा, ‘‘एक समय ऐसा लग रहा था कि यह बहुत मुश्किल होगा। लेकिन वे सुरक्षित और स्वस्थ वापस आ गए हैं।
यह हर भारतीयों के लिए बहुत अच्छी खबर है। यह दिखाता है कि भारतीय विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) के शब्द कितने मायने रखते हैं।’’ कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘सभी देशवासियों के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भी खुद को इस खुशी में शामिल करती है कि कतर में अदालत से फांसी की सजा पाने वाले भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारी रिहा होकर घर वापस आ गए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें और उनके परिजनों को बधाई और शुभकामनाएं देते हैं।’’ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, ‘‘यह एक बड़ी राहत है और सभी भारतीय नागरिकों के लिए एक हर्ष का विषय है कि कतर में मौत की सजा पाने वाले हमारे आठ देशवासी रिहा हो गए हैं और घर लौट आए हैं। उनकी रिहाई के लिए पर्दे के पीछे काम करने वाले सभी लोगों को बधाई।’’
कमांडर (सेवानिवृत्त) तिवारी की बहन डॉ. मीतू भार्गव ने कहा कि उनके भाई अभी तक घर नहीं आए हैं, लेकिन उन्हें रिहा कर दिया गया है और परिवार बहुत खुश है। मीतू ने ग्वालियर में ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, “अगर मेरा भाई लौट आते, तो हमारी खुशी पूरी हो जाती।”
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और सरकार के साथ-साथ कतर के अमीर का आभार जताया। पिछले साल 25 मार्च को भारतीय नौसेना के आठ कर्मियों के खिलाफ आरोप दाखिल किए गए थे और उन पर कतर के कानून के तहत मुकदमा चलाया गया था। पिछले साल मई में अल-दहरा ग्लोबल ने दोहा में अपना परिचालन बंद कर दिया और वहां काम करने वाले सभी लोग (मुख्य रूप से भारतीय) देश लौट आए।
भारत सजायाफ्ता व्यक्तियों के स्थानांतरण पर द्विपक्षीय समझौते के प्रावधानों को लागू करने की संभावना पर भी विचार कर रहा था। भारत और कतर के बीच 2015 में हुए समझौते के तहत भारत तथा कतर के उन नागरिकों के अपने-अपने देश में सजा काटने का प्रावधान है जिन्हें किसी आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया है और सजा सुनाई गई है।