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भारत-मालदीव संबंधों का विकास आपसी हितों, पारस्परिक संवेदनशीलता पर आधारित: विदेश मंत्री जयशंकर

एस. जयशंकर ने कहा, “हमने पहले भी अनुकूल शर्तों पर वित्तीय सहायता दी है। भारत कई अवसरों पर मालदीव के लिए सबसे पहले आगे बढ़कर मदद देने वालों में रहा है।”

Last Updated- May 09, 2024 | 7:58 PM IST
Development of India-Maldives relations based on mutual interests, mutual sensitivity: External Affairs Minister Jaishankar भारत-मालदीव संबंधों का विकास आपसी हितों, पारस्परिक संवेदनशीलता पर आधारित: विदेश मंत्री जयशंकर
मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर के साथ भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मालदीव के अपने समकक्ष मूसा ज़मीर के साथ बातचीत में कहा कि दोनों देशों के रिश्तों का विकास ‘आपसी हित’ और पारस्परिक संवेदनशीलता’ पर आधारित है। छह महीने पहले मालदीव में चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के पदभार संभालने के बाद पहली उच्च स्तरीय यात्रा के तहत ज़मीर दिल्ली आए हैं।

ज़मीर के साथ अपनी बातचीत शुरू करते हुए जयशंकर ने कहा, “करीबी और निकटतम पड़ोसी होने के नाते हमारे संबंधों का विकास स्पष्ट रूप से आपसी हितों और पारस्परिक संवेदनशीलता पर आधारित है।”

उन्होंने कहा, “ जहां तक भारत का सवाल है तो ये हमारी पड़ोस प्रथम नीति और सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) दृष्टिकोण में व्यक्त किया गया है। मुझे आशा है कि आज की हमारी बैठक में हम विभिन्न क्षेत्रों में हमारे दृष्टिकोणों को मजबूत कर पाएंगे।”

मुइज्जू द्वीपीय राष्ट्र से भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी पर जोर दे रहे हैं जिससे दोनों देशों के संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया था। भारत पहले ही अपने अधिकतर सैन्यकर्मियों को वापस बुला चुका है। मुइज्जू ने अपने देश से भारतीय सैन्य टुकड़ियों की वापसी के लिए 10 मई की समय सीमा तय की थी।

जयशंकर ने कहा, ‘‘ भारत मालदीव को विकास सहायता देने वाले देशों में प्रमुख है। हमारी परियोजनाओं से आपके देश के लोगों को लाभ हुआ है; (हमने) जीवन की गुणवत्ता में योगदान दिया है। इनमें बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और सामाजिक पहल से लेकर चिकित्सा निकासी और स्वास्थ्य केंद्र तक शामिल हैं।”

उन्होंने कहा, “हमने पहले भी अनुकूल शर्तों पर वित्तीय सहायता दी है। भारत कई अवसरों पर मालदीव के लिए सबसे पहले आगे बढ़कर मदद देने वालों में रहा है।”

जयशंकर ने कहा, “ हमारे सहयोग ने साझा गतिविधियों, उपकरण, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के माध्यम से आपके देश की सुरक्षा और कल्याण को भी मजबूत किया है।”

First Published - May 9, 2024 | 7:58 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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