चीन से दुर्लभ खनिज मैग्नेट की आपूर्ति ठप होने के बाद इसका आयात करने वाली इकाइयों के लिए अनुबंध समय पर पूरा करना मुश्किल हो गया है। चीन से दुर्लभ मैग्नेट का आयात करने वाली इकाइयां अब अप्रत्याशित स्थिति से जुड़े प्रावधान (फोर्स मेज़र क्लॉज या एफएमसी) का सहारा लेने पर विचार कर रही हैं। वे इस बारे में अपनी कानूनी टीम से सलाह-मशविरा कर रही हैं। ये इकाइयां दुर्लभ मैग्नेट की आपूर्ति मूल उपकरण विनिर्माताओं को करती हैं। चीन बड़े पैमाने पर इन दुर्लभ खनिज मैग्नेट की आपूर्ति दूसरे देशों को करता है।
ये आयातक इसलिए अप्रत्याशित स्थिति का प्रावधान लागू करने पर विचार कर रहे हैं क्योंकि इससे उन्हें अनुबंध समय पर पूरा नहीं करने की सूरत में जुर्माने से बचने में मदद मिलेगी। उन्हें डर है कि इनकी आपूर्ति समय पर नहीं करने पर मूल उपकरण विनिर्माता उन पर जुर्माना लगा सकती हैं। मैग्नेट की आपूर्ति रुकने पर वाहन कंपनियां उत्पादन नहीं कर पाएंगी। चीन ने अप्रैल में दुर्लभ खनिजों एवं मैग्नेट के निर्यात पर पाबंदी लगा दी है जिससे भारत में भी वाहन उद्योग एवं अन्य क्षेत्रों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
इस साल 4 अप्रैल से 35 आयातकों को चीन से दुर्लभ मैग्नेट की आपूर्ति पूरी तरह ठप है। चीन की सरकार के समक्ष इनके आयात के लिए किए गए उनके आवेदन भी मंजूर नहीं हुए हैं। सोना-कॉमस्टार ने चीन के नए निर्यात नियंत्रण नियमों के अंतर्गत आवेदन किया था मगर वह अस्वीकार हो गया है। कंपनी चाहे तो दोबारा आवेदन कर सकती है। इसके अलावा जो कंपनियां ओईएम को मैग्नेट की आपूर्ति के लिए चीन से इनका आयात करती हैं उनमें बॉश इंडिया और कॉन्टिनेंटल आदि शामिल हैं।
एक मूल उपकरण विनिर्माता कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘आपूर्तिकर्ताओं के साथ बातचीत चल रही है और अनुबंध में अप्रत्याशित स्थिति प्रावधान का भी जिक्र है। जब तक हालात नहीं सुधर जाते तब तक हम कुछ समय के लिए दुर्लभ मैग्नेट की आपूर्ति टाल सकते हैं और इस अवधि में कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। हालांकि अगले कुछ दिनों में हालात नहीं सुधरे तो हमें लगता है कि आयातक एफएमसी प्रावधान का इस्तेमाल कर सकते हैं। सूचीबद्ध कंपनियों को स्टॉक एक्सचेंजों को इसकी सूचना देनी होगी।’
लॉ फर्म इस बात सहमत हैं कि आयातकों को एफएमसी प्रावधान का सहारा लेना ही पड़ेगा। लूथरा ऐंड लूथरा लॉ आफिसेस इंडिया में पार्टनर संजीव कुमार कहते हैं, चीन द्वारा पाबंदी लगाने के बाद मैग्नेट की आपूर्ति ठप होने से अब कोई विकल्प नहीं बचा है। वाहन क्षेत्र इन तत्वों पर काफी हद तक निर्भर है, खासकर इलेक्ट्रिक वाहनों में इनका अधिक इस्तेमाल होता है।
इन वाहनों का उत्पादन ठप होने के कगार पर पहुंच गया है। भारत में महामारी के दौरान आपूर्ति व्यवस्था ठप होने की सूरत में एफएमसी का इस्तेमाल हुआ है। 13 मई, 2020 को वित्त मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी किया था कि कोविड के कारण आपूर्ति में आई बाधा एफएमसी के दायरे में आएगी और जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।