Axiom मिशन-4 टीम (बाएं से दाएं): हंगरी के टिबोर कापू, ISRO के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला, मिशन कमांडर पेगी विटसन और पोलैंड के ESAअंतरिक्ष यात्री स्लावोश उज़नान्स्की-विस्निएव्स्की। | फोटो: स्पेसएक्स
Axiom-4 mission: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) ले जाने वाला Axiom-4 मिशन एक बार फिर टाल दिया गया है। स्पेसएक्स (SpaceX) ने फॉल्कन-9 (Falcon-9) रॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन (LOX) का रिसाव पाए जाने के बाद यह फैसला लिया है।
SpaceX ने एक एक्स पोस्ट में कहा, “हम फॉल्कन-9 लॉन्च से पीछे हट रहे हैं ताकि मरम्मत के लिए पर्याप्त समय मिल सके।” उन्होंने बताया कि बूस्टर के पोस्ट-स्टैटिक जांच के दौरान लिक्विड ऑक्सीजन का रिसाव पाया गया।
इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन ने बताया कि लॉन्च पैड पर सात सेकंड के हॉट टेस्ट के दौरान प्रपल्शन बे में लिक्विड ऑक्सीजन का रिसाव पाया गया। यह परीक्षण फॉल्कन-9 लॉन्च वाहन के बूस्टर फेज के प्रदर्शन को मान्य करने के लिए किया गया था।
उन्होंने कहा, “इसरो की टीम ने Axiom और SpaceX के विशेषज्ञों से चर्चा की और तय किया गया कि रिसाव को ठीक कर जरूरी वैलिडेशन परीक्षण पूरे करने के बाद ही लॉन्च को हरी झंडी दी जाएगी।”
इस प्रकार, 11 जून 2025 को होने वाली Axiom-4 की लॉन्चिंग, जिसमें भारत का पहला ‘गगनयात्री’ अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा पर जाना था, फिलहाल स्थगित कर दी गई है।
पीटीआई रिपोर्ट के मुताबिक, Axiom Space के प्रवक्ता ने भी पुष्टि की कि स्टैटिक फायर टेस्ट के बाद की जांच में फॉल्कन-9 बूस्टर में लिक्विड ऑक्सीजन का रिसाव पाया गया है, जिसे ठीक करने के लिए अतिरिक्त कार्य की आवश्यकता है। Axiom Space ने कहा, “SpaceX, Axiom Space और अन्य भागीदारों के साथ मिलकर काम कर रही है।”
Axiom-4 मिशन की टीम में कमांडर पेगी विटसन, पायलट शुभांशु शुक्ला, हंगरी के टीगर कापू और पोलैंड के स्लावोश उज़नान्स्की-विस्निएव्स्की शामिल हैं। यह 14-दिवसीय मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए मानव अंतरिक्ष उड़ान में “वापसी” को साकार करेगा।
Axiom-4 मिशन की लॉन्चिंग पहले 29 मई को तय की गई थी, जिसे पहले 8 जून, फिर 10 जून और फिर 11 जून तक स्थगित किया गया। 10 जून को मौसम खराब होने के कारण लॉन्च एक दिन और टाल दिया गया था।
SpaceX के वाइस प्रेसिडेंट विलियम गर्स्टनमेयर ने सोमवार को एक प्री-लॉन्च प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि स्टैटिक फायर टेस्ट के दौरान रॉकेट में कुछ तकनीकी समस्याएं पाई गई थीं, जिन्हें पहले रिफर्बिशमेंट के दौरान नहीं पकड़ा गया था।
उन्होंने बताया कि बूस्टर के पिछले मिशन के दौरान एंट्री के समय भी लिक्विड ऑक्सीजन (LOX) का लीक देखा गया था, लेकिन रिफर्बिशमेंट में इसे पूरी तरह ठीक नहीं किया गया। अब इसे ठीक किया जा रहा है और अगर लॉन्च के दिन भी रिसाव रहता है, तो एक विशेष ‘पर्ज सिस्टम’ लगाया जाएगा जो लीक को नियंत्रित करेगा।
गर्स्टनमेयर ने यह भी बताया कि इंजीनियरों को इंजन-5 के थ्रस्ट वेक्टर कंट्रोल सिस्टम में भी दिक्कत मिली थी, जिसके संबंधित पुर्जों को पहले ही बदल दिया गया है।