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चीनी रिसर्चर्स ने एक नए कोरोना वायरस की खोज की, लेकिन क्या इंसानों को इससे खतरा हो सकता है?

इस खोज की खबर से शुक्रवार को कुछ वैक्सीन कंपनियों के शेयर बढ़ गए। शुक्रवार दोपहर Moderna Inc. के शेयर 6.6% तक बढ़ गए, जबकि Novavax Inc. के शेयरों में 7.8% का उछाल आया।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- February 22, 2025 | 11:55 AM IST

चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के रिसर्चर्स ने एक नए कोरोना वायरस की खोज की है, जो कोशिकाओं में उसी तरीके से प्रवेश करता है, जैसे कोविड-19 को पैदा करने वाला वायरस करता है।

हालांकि, यह वायरस अभी तक इंसानों में नहीं पाया गया है, बल्कि केवल एक प्रयोगशाला में इसकी पहचान हुई है। इस खोज की खबर से शुक्रवार को कुछ वैक्सीन निर्माता कंपनियों के शेयर बढ़ गए।

शुक्रवार दोपहर Moderna Inc. के शेयर 6.6% तक बढ़ गए, जबकि Novavax Inc. के शेयरों में 7.8% तक उछाल आया। BioNTech SE, जो Pfizer Inc. की कोविड वैक्सीन पार्टनर कंपनी है, के अमेरिकी डिपॉजिटरी रिसीट्स 5.1% तक चढ़ गए। वहीं, Pfizer के शेयर 2.6% तक बढ़े।

नए वायरस के इंसानों में फैलने की संभावना

न्यूज एजेंसी Bloomberg की रिपोर्ट के मुताबिक, रिसर्चर्स ने मंगलवार को Cell जर्नल में प्रकाशित एक पेपर में बताया कि इस लैब में हुई खोज यह संभावना बढ़ाती है कि यह नया चमगादड़ वायरस जानवरों से इंसानों में फैल सकता है।

वुहान वायरस रिसर्च सेंटर को चमगादड़ कोरोना वायरस पर किए गए रिसर्च के लिए जाना जाता है। कोविड महामारी की उत्पत्ति को लेकर एक थ्योरी यह भी है कि यह लैब से लीक हुआ हो सकता है, शायद किसी संक्रमित कर्मचारी के माध्यम से। 

हालांकि, इस संस्थान के वैज्ञानिक पहले ही यह कह चुके हैं कि उन्होंने कभी ऐसे वायरस पर काम नहीं किया, जिससे महामारी की शुरुआत हो सकती थी। अमेरिका ने 2023 में इस लैब को मिलने वाली फंडिंग रोक दी थी, जो कि US-आधारित EcoHealth Alliance के जरिए दी जाती थी।

MERS से मिलता-जुलता है नया वायरस

नए खोजे गए चमगादड़ वायरस को इंसानों और अन्य स्तनधारियों के शरीर में मौजूद एक प्रोटीन से जुड़कर कोशिकाओं को संक्रमित करते हुए पाया गया है। यह वायरस उसी कोरोना वायरस परिवार से संबंधित है, जो Middle East Respiratory Syndrome (MERS) का कारण बनता है।

MERS वायरस की पुष्टि 2012 से मई 2024 तक दुनिया भर में लगभग 2,600 लोगों में हुई है और इससे संक्रमित लगभग 36% लोगों की मौत हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, इसके अधिकतर मामले सऊदी अरब में पाए गए थे।

First Published : February 22, 2025 | 11:22 AM IST