चीन (China) द्वारा हाल ही में जारी नए ‘स्टैण्डर्ड मैप’ से एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। चीन ने अपने नए नक़्शे में अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चीन, ताइवान और और विवादित दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में कई इलाकों को अपना हिस्सा बताया है।
China की तरफ से 28 अगस्त को जारी नए नक़्शे के बाद कूटनीतिक चिंताएं बढ़ गई है और पहले से मौजूद कई विवादों समेत नए विवादों को फिर से जन्म दे दिया है। चीन के इस मैप को 2023 एडिशन कहा है। यह मैप चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय की स्टैण्डर्ड मैप सर्विस वेबसाइट के जरिये पेश किया गया है।
चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, “यह नक्शा चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की ड्राइंग पद्धति के आधार पर तैयार किया गया है।”
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भारत ने बार-बार कहा है कि अरुणाचल प्रदेश उसका अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा। अरुणाचल प्रदेश, चीन के दक्षिण तिब्बत के रूप में दावे के बावजूद, दृढ़ता से भारत का अभिन्न अंग है। भारत ने लगातार इस रुख को दोहराया है। भारत ने बार-बार कहा है कि अरुणाचल प्रदेश राज्य “हमेशा” देश का अभिन्न अंग रहा है और “हमेशा” रहेगा।
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China के सरकारी समाचारपत्र ग्लोबल टाइम्स ने एक्स (पूर्व में टि्वटर) पर लिखा, ‘‘चीन के मानक मानचित्र का 2023 संस्करण आधिकारिक तौर पर सोमवार को जारी किया गया और प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय के स्वामित्व वाली मानक मानचित्र सेवा की वेबसाइट पर इसे जारी किया गया। यह मानचित्र चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की रेखांकन विधि के आधार पर संकलित किया गया है।’’
बता दें कि ऐसा पहला बार नहीं है जब चीन ने अपने मैप में अरुणाचल और अक्साई चीन समेत ताइवान को अपना हिस्सा बताया है। इससे पहले भी चीन कई बार इस तरह से अपना मैप जारी कर चुका है जिसमें वो भारत के पूर्वोत्तर में कुछ इलाकों में पर अपना दावा जताता है। चीन के इस तरह की हरकतों की वजह से भारत-चीन सीमा पर भी कई बार तनाव की स्थिति भी पैदा हो जाती है।
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