अमेरिका जाने वाले कनाडा के नागरिकों को अब सीमाओं पर कड़ी जांच के लिए तैयार रहना होगा। कनाडा सरकार ने अमेरिकी यात्रा को लेकर अपनी एडवाइजरी में संशोधन करते हुए कहा है कि यात्रियों के मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों की जांच की जा सकती है।
कनाडा के ‘ग्लोबल अफेयर्स’ विभाग ने शुक्रवार को यह संशोधित एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि अमेरिका में एंट्री के समय अधिकारियों से पूरी जानकारी साझा करें और यह मानकर चलें कि सवाल-जवाब या डिटेंशन (रोककर पूछताछ) जैसी स्थिति भी बन सकती है।
एडवाइजरी में बताया गया है कि अमेरिकी बॉर्डर एजेंट्स को यह तय करने का पूरा अधिकार होता है कि किसे अमेरिका में एंट्री दी जाए और किसे नहीं। ऐसे में यह संभव है कि पोर्ट ऑफ एंट्री पर यात्रियों के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी जांचे जाएं।
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फोन-पासवर्ड मांग सकते हैं अधिकारी
अमेरिकी कानून के अनुसार, बॉर्डर एजेंट यात्रियों से उनके फोन या लैपटॉप का पासवर्ड मांग सकते हैं और डिवाइस को अनलॉक करने के लिए कह सकते हैं। मना करने पर डिवाइस जब्त की जा सकती है या फिर यात्री को एंट्री से रोका जा सकता है।
कनाडाई सरकार ने यात्रियों को सलाह दी है कि अमेरिका पहुंचने से पहले अपने डिवाइस को एयरप्लेन मोड में कर दें ताकि क्लाउड से कोई नया डेटा डाउनलोड न हो पाए, जो जांच की वजह बन सकता है। साथ ही अमेरिका में रहते हुए अपने लीगल स्टेटस (वीजा, ग्रीन कार्ड आदि) का प्रमाण साथ रखें, क्योंकि कभी भी मांग की जा सकती है।
खास मामलों में सख्ती बढ़ी
टोरंटो मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर फ्रेडरिक डिमांश ने ग्लोब एंड मेल को बताया कि अमेरिका की यह नीति नई नहीं है, लेकिन अब इसे पहले से ज्यादा सख्ती से लागू किया जा रहा है। हालांकि 2024 में ऐसे मामलों की संख्या 0.01% से भी कम रही, लेकिन हाई-प्रोफाइल मामलों ने इस पर बहस को फिर तेज कर दिया है।
मार्च 2024 में ब्राउन यूनिवर्सिटी की डॉक्टर राशा अलावियेह को अमेरिका में एंट्री से रोककर वापस भेज दिया गया था। उनके फोन में हिज़्बुल्ला नेता हसन नसरल्ला और ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला खामेनेई की डिलीट की गई तस्वीरें मिली थीं। उन्होंने कोर्ट में बताया कि उन्होंने यह तस्वीरें गलतफहमी से बचने के लिए डिलीट की थीं। अमेरिका में 30 दिन से अधिक रुकने वाले कनाडाई और अन्य विदेशी नागरिकों के लिए अब 11 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसा न करने पर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई हो सकती है। फरवरी 2025 से वीज़ा अप्लाई करने के नियम भी बदलने वाले हैं।
मॉन्ट्रियल यूनिवर्सिटी ने भी अपने स्टाफ और स्टूडेंट्स को सलाह दी है कि वे अमेरिका यात्रा के दौरान कोई संवेदनशील डेटा साथ न ले जाएं और अपनी यात्रा की जानकारी यूनिवर्सिटी को दें।
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अमेरिका-कनाडा व्यापार युद्ध: ट्रंप के फैसले के जवाब में कनाडा ने भी ठोके भारी टैक्स
अमेरिका और कनाडा के बीच व्यापार तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोबारा सत्ता में लौटने के कुछ ही समय बाद कनाडा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह फेंटानिल जैसे खतरनाक ड्रग्स की तस्करी रोकने के लिए जरूरी कदम नहीं उठा रहा है। इसको लेकर अमेरिका ने कनाडा से होने वाले आयात पर 25% टैरिफ (शुल्क) लगाने की घोषणा कर दी।
ड्रग्स और अवैध प्रवास को रोकने के लिए ट्रंप सरकार ने यह फैसला लिया। इसके जवाब में कनाडा ने अपनी सीमा सुरक्षा को और सख्त कर दिया है। उसने बॉर्डर पर जांच प्रक्रिया को मजबूत किया और अमेरिका के साथ सहयोग बढ़ाया, ताकि अवैध नशीले पदार्थों को रोका जा सके।
इसके बावजूद अमेरिका ने 2 अप्रैल से नया टैरिफ लागू कर दिया। इसके बाद कनाडा ने भी जवाबी कार्रवाई की और अमेरिका से आने वाले कई उत्पादों पर कुल 155 अरब डॉलर के काउंटर-टैरिफ लगा दिए। इसमें स्टील, एल्युमिनियम और अन्य कंज्यूमर प्रोडक्ट्स शामिल हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की अगुवाई में सरकार ने अमेरिका से आने वाले वाहनों पर भी 25% अतिरिक्त टैक्स लगाने का ऐलान किया है।
यह नया व्यापार युद्ध दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्तों पर गहरा असर डाल सकता है।