अंतरराष्ट्रीय

Crude की कीमतों में गिरावट, क्या बढ़ रही है ग्लोबल मंदी की आशंका?

Emkay Wealth Management का कहना है कि वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका के बीच ब्रेंट Crude ऑयल की कीमतों में गिरावट आई है।

Published by
आशुतोष ओझा   
Last Updated- May 16, 2025 | 4:34 PM IST

दुनियाभर की इकॉनमी पर ट्रंप टैरिफ और जियो-पॉलिटिकल टेंशन का असर किसी न किसी तरह से देखने को मिल रहा है। ऐसे में एक सवाल बार-बार सामने आ रहा है कि क्या दुनिया आ​र्थिक मंदी की ओर बढ़ रही है? ग्लोबल वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी एमके वेल्थ मैनेजमेंट (Emkay Wealth Management) ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा है कि ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों में अच्छी-खासी गिरावट देखी गई है। फिलहाल यह 63-64 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल की रेंज में ट्रेड कर रहा है। वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी का मानना है कि ब्रेंट क्रूड में यह गिरावट खासतौर से वैश्विक आर्थिक मंदी की बढ़ती आशंकाओं के चलते देखी जा रही है। हाल में अमेरिका की ट्रंप सरकार की ओर से लगाए गए जवाबी टैरिफ के चलते वैश्विक विकास और मांग में स्थिरता के सामने चुनौतियां खड़ी हो गई हैं।

एमके वेल्थ मैनजमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, मांग को लेकर आउटलुक दबाव में है। प्रमुख अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों का पूर्वानुमान था कि वैश्विक ऑयल सप्लाई या तो स्थिर रहेगी या मामूली रूप से बढ़ेगी, जबकि मांग की रफ्तार धीमी हो सकती है। ये अनुमान और आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती के संकेत, कीमतों पर निगे​टिव असर डाल रहे हैं। बता दें, एमके वेल्थ मैनेजमेंट लिमिटेड, एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की वेल्थ मैनेजमेंट यूनिट है।

ये भी पढ़ें… Trade Tariff: डॉनल्ड ट्रंप चीन पर 30% टैरिफ को 2025 के अंत तक बनाए रख सकते हैं

ऑयल खरीद से पीछे हट रहा चीन

रिपोर्ट के मुताबिक, चीन, जो पारंपरिक रूप से ऑयल मार्केट का एक बड़ा खरीदार रहा है, ने भी बड़े पैमाने पर तेल खरीद से पीछे हटना शुरू कर दिया है। इसके पीछे कई फैक्टर हैं। चीन की GDP ग्रोथ रेट 5 फीसदी से नीचे गिर गई है, कंज्म्प्शन डिमांड कमजोर हो गई है, और इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर झुकाव साफ तौर पर बढ़ा है। खास बात यह है कि एनर्जी इन्फॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन (EIA) की ओर से ऑयल रिजर्व में गिरावट दर्ज किए जाने के बावजूद, कीमतें दबाव में बनी हुई हैं। यह असमानता मार्केट की चिंता को और बढ़ा रही है।

OPEC+ खत्म करेगा प्रोडक्टशन में कटौती

वहीं, OPEC+ ने ऑयल प्रोडक्शन कटौती को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की घोषणा की है। इसके अंतर्गत अगले तीन महीनों में रोजाना 4,11,000 बैरल उत्पादन बढ़ाने की योजना है। यह फैसला, अमेरिकी टैरिफ उपायों और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में संभावित मंदी के संकेतों के साथ मिलकर, कीमतों पर और भी अधिक दबाव डाल रहा है।

इस तरह, मौजूदा हालात- जिसमें प्रोडक्शन बढ़ेगा, मांग सुस्त ​रहेगी और जियो-पॉलिटिकल अनिश्चितताएं शामिल हैं- को देखते हुए, ब्रेंट क्रूड की कीमतों का मीडियम टर्म का आउटलुक बीयरिश (bearish) बना हुआ है।

ये भी पढ़ें… UN ने भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान घटाया, कहा- 2025 में अब 6.3% की दर से बढ़ेगी इकॉनमी

सप्लाई बढ़ने से घट रहा क्रूड का भाव

केडिया कमोडिटीज के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है, सप्लाई ज्यादा होने की आशंका से क्रूड की कीमतों में गिरावट आ रही है। इसका मतलब कि सप्लाई बढ़ने और मांग में संभावित अस्थिरता के चलते ऑयल मार्केट में निगेटिव रुझान बना हुआ है।

केडिया के मुताबिक, गुरुवार को WTI क्रूड ऑयल फ्यूचर्स में करीब 2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और कीमतें $62 प्रति बैरल से नीचे आ गईं। यह गिरावट वैश्विक स्तर पर सप्लाई ज्यादा होने की आशंका के चलते देखी गई।

EIA की ओर से जारी आंकड़ों में बताया गया कि पिछले सप्ताह क्रूड के भंडार में 34.5 लाख बैरल की अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है। यह इंडस्ट्री से जुड़े पहले के अनुमान (43 लाख बैरल की बढ़ोतरी) के अनुरूप है।

केडिया के मुताबिक, हालांकि गैसोलीन और डिस्टिलेट्स के भंडार में गिरावट देखी गई है, जो गर्मियों के दौरान वाहनों की बढ़ी हुई मांग से जुड़ी मानी जा रही है। इसी बीच, OPEC ने अमेरिका और अन्य गैर-OPEC+ देशों की ऑयल सप्लाई बढ़ोतरी के अनुमान को घटाकर 8 लाख बैरल रोजाना कर दिया है, जो पहले 9 लाख बैरल था। इसके बावजूद, OPEC की ओर से प्रोडक्शन बढ़ाने के प्लान से बाजार पर कीमतों को लेकर दबाव बना हुआ है।

First Published : May 16, 2025 | 4:34 PM IST