बैंक ऑफ इंगलैंड ने ब्याज दरें और घटाई

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 8:43 PM IST

इंगलैंड के केंद्रीय बैंक ने ऋण संकट और 16 वर्षों के सबसे बड़े हाउसिंग संकट को देखते हुए ब्याज दरों में एक बार फिर कटौती की घोषणा की है।


बैंक ऑफ इंगलैंड ने देश को आर्थिक मंदी के भंवर में फंसने से बचाने के लिए ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की है। इस तरह ब्याज दरें घटकर पांच फीसदी पर पहुंच गई हैं। मौद्रिक नीति समिति ने ब्याज दरों में कटौती कर अर्थव्यवथा को पटरी पर लाने की एक और कोशिश की है।


गत वर्ष दिसंबर के बाद से ब्याज दरों में तीसरी दफा कटौती की गई है। बीओई ने एक बयान में कहा, ‘ऋण बाजार पर संकट के बादल छाए हुए हैं और ऐसा लगने लगा है कि वित्तीय संस्थान कर्ज देने से परहेज कर रहे हैं।’


बैंक की ओर से बयान में यह भी कहा गया है कि आर्थिक विकास की दर धीमी हुई है। हालांकि बयान में यह संकेत भी दिए गए हैं कि महंगाई पर लगाम लगाने के लिए भी समय समय पर सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। एक्सचेकर की पूर्व चांसलर नाइजल लॉसन ने कहा कि ब्रिटेन मंदी की ओर कदम बढ़ा रहा है और इसकी प्रमुख वजह है कमजोर साख बाजार के मद्देनजर बैंकों का सस्ते दर पर ऋण नहीं देना।


उन्होंने कहा कि इसका सीधा असर उपभोक्ता खर्च पर पड़ने की उम्मीद है और अगर साफ तौर पर कहें तो पहले की तुलना में उपभोक्ता खर्च में कमी आई भी है। लॉसन ने कहा कि इन हालात को देखकर केंद्रीय बैंक के पास बयाज दरों में कटौती करना ही एकमात्र विकल्प रह गया है और अभी उसे महंगाई की चिंता को दरकिनार करना चाहिए।


गौरतलब है कि सात औद्योगिक देशों में बैंक ऑफ इंगलैंड की ब्याज दर सबसे अधिक है। केंद्रीय बैंक के इस कदम का पूर्व नीति निर्माता डीएनी जुलियस ने विरोध किया है। उनका कहना है कि देश को मंदी की चपेट से बाहर रखने के लिए केंद्रीय बैंक केवल ब्याज दरों में कटौती को ही एकमात्र विकल्प मान रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बुधवार को अनुमान व्यक्त किया था कि इस वर्ष ब्रिटेन की आर्थिक विकास दर 1.6 फीसदी के करीब रह सकती है जो 2007 में 3.1 फीसदी पर बना हुआ था।


विश्व परिदृश्य


ऋण संकट से दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अपने अपने तरीके से निपटने में जुटे हुए हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने गत वर्ष सितंबर के बाद से ब्याज दरों में तीन फीसदी की कटौती की है। ब्याज दरें घटकर 2.25 फीसदी रह गई हैं। वहीं ईसीबी ने महंगाई को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि वह ब्याज दरों में कटौती के पक्ष में नहीं है।


दूसरी ओर आश्चर्यजनक रूप से आयरलैंड के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की। ब्याज दरों को बढ़ाकर 15.5 फीसदी कर दिया गया है। यहां सरकार का कहना है कि महंगाई से निपटना उनका पहला लक्ष्य है। प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन जिनकी साख हाउसिंग संकट की वजह से खतरे में है, ने कहा है कि देश में महंगाई इतनी अधिक नहीं है कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी न कर सके।

First Published : April 10, 2008 | 10:23 PM IST