हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे (आईपीईएफ) के 14 सदस्यों ने शनिवार को पेरिस में अमेरिका के साथ अपनी पहली अनौपचारिक बैठक आयोजित की। इसमें व्यापार के आधारभूत बिंदुओं पर वार्ता शुरू करने की उम्मीद जताई गई, जिसमें श्रम और पर्यावरण मानक जैसे विवादास्पद मुद्दे शामिल होंगे।
हालांकि संयुक्त राज्य व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) कैथरीन ताई ने बैठक की अध्यक्षता की, लेकिन भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल बैठक में शामिल नहीं हो पाए, क्योंकि वह विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की 12वीं मंत्रिस्तरीय बैठक के लिए जिनेवा जा रहे थे। बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अमित यादव ने किया। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि भारत के लिए इस बात पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी कि वह व्यापार की आधारभूत बिंदुओं पर बातचीत में शामिल होगा या नहीं।
पिछले महीने भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे का मुकाबला करने के लिए अमेरिका के नेतृत्व में आईपीईएफ की स्थापना के लिए भारत 13 अन्य देशों में शामिल हुआ। आईपीईएफ में शामिल होने वाले अन्य देश ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई दारुस्सलाम, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम और फिजी हैं।
बैठक के बाद यूएसटीआर ताई ने रविवार को एक बयान में कहा कि अमेरिका व्यापार की आधारभूत बिंदुओं के तहत वार्ता शुरू करने के लिए तत्पर है, जिससे आर्थिक गतिविधियों और निवेश को बढ़ावा देने, स्थायी और समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने तथा पूरे क्षेत्र में श्रमिकों और उपभोक्ताओं को लाभान्वित करने में
मदद मिलेगी। पिछले महीने जारी संयुक्त बयान में आईपीईएफ की चार प्रमुख बिंदुओं– व्यापार, आपूर्ति शृंखला; स्वच्छ ऊर्जा, डीकार्बोनाइजेशन और बुनियादी ढांचा; कर तथा भ्रष्टाचार-रोधी विषय में बात की गई थी।
