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Year Ender 2023: अनचाही वा​णि​ज्यिक कॉल और स्कैम-स्पैम का खेल

ट्रूकॉलर की वैश्विक स्पैम रिपोर्ट 2021 के अनुसार, स्पैम कॉल के लिहाज से भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश है

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- December 28, 2023 | 11:08 PM IST

Year Ender 2023: कोलकाता निवासी वीथी मुखर्जी को अगस्त की उमस भरी दोपहर में एक फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि वह बिजली कंपनी से है और बिल बकाया होने के कारण उनकी बिजली कटने वाली है। यह सुनकर 72 साल की मुखर्जी ने अपनी बेटी के ऑफिस से लौटने तक इंतजार करने को कहा। मगर फोन करने वाले ने इनकार करते हुए कहा कि इंतजार नहीं हो सकता। उसने कहा कि जुर्माने के साथ ​कनेक्शन बहाल करने के शुल्क के तौर पर 35,857 रुपये अगले 15 मिनट में कंपनी की वेबसाइट पर जमा नहीं हुए तो बिजली कट जाएगी।

फोन करने वाले ने मुखर्जी को कंपनी की वेबसाइट का कथित लिंक एसएमएस कर दिया। उसने उनके बिजली बिल का तीन महीने का ब्योरा बताया और कहा कि बिजली दफ्तर जाने पर उन्हें कर्मचारियों से ​जूझना पड़ेगा। इस पर घबराई मुखर्जी ने दिए गए लिंक पर फौरन पैसे भर दिए। मगर खाते से पैसे निकलने के बमुश्किल 15 मिनट बाद वह फोन नंबर बंद हो गया और वेबसाइट भी नहीं खुल रही थी। कलकत्ता इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी में ​शिकायत दर्ज कराने पर पता चला कि मुखर्जी धोखाधड़ी की ​शिकार हो गई थीं।

मुखर्जी 2023 में आर्टिफि​शल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित वॉयस एवं यूपीआई धोखाधड़ी से जूझ रहे लाखों भारतीयों की जमात में शामिल हो चुकी थीं। उनकी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी ने धोखाधड़ी के मामलों की जांच करने में असमर्थता का हवाला देते हुए कोई मदद नहीं की।

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प्रमुख दूरसंचार कंपनी के बोर्ड में बतौर सुरक्षा विशेषज्ञ काम करने वाले एक व्य​क्ति ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘दूरसंचार विभाग और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) स्कैम कॉल और संदेशों से निपटने के लिए नीतियां बनाते हैं, लेकिन हमारा दायरा सीमित है। हर संभावित स्कैमर को जड़ से खत्म करने के लिए हमारे पास क्षमता नहीं है। अगर उपभोक्ता शिकायत करे तो हम केवल उस नंबर को ब्लॉक कर सकते हैं।’

मोबाइल सबस्क्राइबरों की संख्या के लिहाज से भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है और यह एक स्कैम एपे​डेमिक यानी महामारी की तरह फैल चुकी दूरसंचार धोखाधड़ी से भी जूझ रहा है। अ​धिकतर दूरसंचार घोटालों को देश के भीतर से ही अंजाम दिया जा रहा है। गुरुग्राम, हैदराबाद और कोलकाता जैसे प्रमुख शहर इसके बड़े केंद्र के रूप में उभर रहे हैं जहां उनके कॉल सेंटर मौजूद हैं। उन कॉल सेंटरों बड़ी तादाद में लोग काम करते हैं।

ये शहरी ‘जामताड़ा’ हैं। झारखंड के जामताड़ा जिले की पहचान साइबर धोखाधड़ी का एक प्रमुख केंद्र के तौर पर बन गई है।

घोटालेबाज लोगों को अपने झांसे में लेने के लिए कई तरह की रणनीति अपनाते हैं। वे आम तौर पर स्पैम संदेशों, रोबोकॉल और बिना पंजीकरण वाले नंबरों से धोखाधड़ी वाले लिंक भेज कर तमाम उपायों का सहारा लेते हैं। इसके जरिये वे लोगों की व्यक्तिगत जानकारी निकालते हैं। बद में उन जानकारियों को इंटरनेट पर बेच दिया जाता है अथवा उनका उपयोग वित्तीय धोखाधड़ी में किया जाता है।

ट्रूकॉलर की वैश्विक स्पैम रिपोर्ट 2021 के अनुसार, स्पैम कॉल के लिहाज से भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश है। बिक्री एवं टेलीमार्केटिंग कॉल की तादाद बढ़ने से यहां स्पैम कॉल अथवा अनचाही कॉल की बहुतायत में आते हैं। इसी साल नवंबर में जारी ट्रूकॉलर की एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका में उपयोगकर्ताओं को आने वाले हर महीने करीब 2.1 अरब स्पैम कॉल में करीब 9.34 फीसदी विदेश से आते हैं। हर पांच में से चार कॉल भारत से आ रहे हैं।

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साइबर धोखाधड़ी से निपटने की को​शिश के तहत सरकार ने अगस्त में सिम कार्ड डीलरों के लिए बायो​मेट्रिक एवं पुलिस सत्यापन अनिवार्य कर दिया था। इसके अलावा सरकार ने एक नए बिजनेस सिम कनेक्शन नियम की भी घोषणा की, जिसके तहत कंपनियों को थोक सिम खरीद के लिए जीएसटी नंबर, पैन नंबर और आयकर संबंधी जानकारी का खुलासा करना अनिवार्य हो गया है। इस साल पुलिस ने कई शहरों में सिम बॉक्स उपकरणों का पता लगाया जो स्वचालित कॉल करने के लिए एक साथ कई सिम कार्ड का उपयोग करता है।

परेशान उपयोगकर्ताओं के लिए स्कैम एवं स्पैम के बीच अंतर करना मु​श्किल हो सकता है, मगर कानूनी तौर पर ये दोनों अलग-अलग हैं। फोन कॉल के जरिये किए गए वित्तीय घोटालों पर धोखाधड़ी के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है, मगर स्पैम के लिए आम तौर पर दंडात्मक प्रावधान लागू नहीं होते हैं।

स्पैम की सुनामी

स्पैम को अनचाहे वाणिज्यिक संचार (यूसीसीएस) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, जो आम तौर पर बिना पंजीकरण वाले टेलीमार्केटर्स (यूटीएम) द्वारा भेजा जाता है। दूरसंचार नियामक ट्राई वाणिज्यिक संचार के किसी भी फोन कॉल करने वालों को यूटीएम के रूप में वर्गीकृत करता है। अगर वे आधिकारिक तौर पर रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और बीएसएनएल जैसी दूरसंचार कंपनियों के साथ टेलीमार्केटिंग भागीदार के रूप में पंजीकृत नहीं हैं तो उन्हें स्पैम कहा जा सकता है।

इस प्रकार के खतरों से निपटने के लिए टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशंस कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशन 2018 (टीसीसीसीपीआर-2018) सरकार का मुख्य कानूनी हथियार है। दूरसंचार कंपनियों को चेतावनी देकर यूटीएम के खिलाफ कार्रवाई करने, उन्हें रोजाना निश्चित संख्या में कॉल करने एवं एसएमएस भेजने के लिए उपयोगिता सीमा निर्धारित करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा इन निर्देशों का बार-बार उल्लंघन करने वालों की सेवाएं बंद करने के लिए भी कहा गया है।

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स्पैम एवं अनचाही कॉल पर प्रभावी तरीके से रोक लगाने के लिए टीसीसीसीपीआर को जारी किया गया था। यह एक प्रमुख मुद्दा है जिससे देश भर के फोन उपयोगकर्ताओं को जूझना पड़ रहा है। ट्राई के निर्देश में दूरसंचार ऑपरेटरों को स्पैम पर अंकुश लगाने के लिए ब्लॉकचेन आधारित डिजिटल लेजर तकनीक (डीएलटी) प्लेटफॉर्म का अनिवार्य तौर पर उपयोग करने के लिए कहा गया है। ये डिजिटल सिस्टम अनचाही कॉल करने वालों की आईडी और टेम्प्लेट का रिकॉर्ड रखते रखते हैं और इनका संचालन दूरसंचार कंपनियों द्वारा किया जाता है।

प्रचलित व्यवस्था के तहत ग्राहकों से सहमति ली जाती है और उसे बैंकों, वित्तीय संस्थानों, बीमा कंपनियों, व्यापारिक कंपनियों, कारोबारी इकाइयों एवं रियल एस्टेट कंपनियों जैसी प्रमुख संस्थाओं द्वारा बरकरार रखा जाता है। आम तौर पर समस्या तब शुरू होती है जब ये कारोबारी अपने ग्राहकों को एसएमएस भेजने के लिए किसी टेलीमार्केटर से थोक एसएमएस सेवा खरीदती हैं।

First Published : December 28, 2023 | 11:08 PM IST