दफ्तर जाकर काम करने से महिलाओं का सामाजिक जीवन प्रभावित हुआ है। महिलाएं वर्ष 2023 तक परिवार के साथ 53 फीसदी समय बिता पाती थीं, जबकि वर्ष 2022 में वे 64 फीसदी समय बिता पाती थीं। यह जानकारी आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस के अध्ययन में दी गई है।
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस के इंडिया वेलनेस इंडेक्स 2023 के मुताबिक टियर 1 शहरों के निवासियों और महिलाओं के सामाजिक कल्याण में चिंताजनक गिरावट आई है। वर्ष 2023 में सामाजिक कल्याण में 3 प्रतिशत की गिरावट आई जिसमें सर्वाधिक गिरावट कामकाजी महिलाओं के लिए आई। अध्ययन के मुताबिक इसकी वजह उनका पूरी तरह से कार्यालय से कार्य करना भी हो सकता है।
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड की कॉरपोरेट कम्यूनिकेशन ऐंड सीएसआर की मार्केटिंग हेड शीना कपूर के मुताबिक, ‘कामकाजी महिलाओं के परिवार के साथ बेहतरीन समय गुजराने में कमी आई है। इससे महिलाओं में बेहतर अनुभव होने की भावना भी कम हुई है।
वर्ष 2023 में केवल 53% महिलाओं ने अपने परिवार व समुदाय के साथ बेहतरीन समय गुजारना स्वीकारा है, जबकि वर्ष 2022 में ऐसी महिलाएं 64 फीसदी थीं।
अध्ययन के दौरान परस्पर संवाद से भी जानकारी मिली थी कि कामकाजी महिलाओं को कार्य और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन स्थापित करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।’
इसके अलावा तंदुरुस्ती के लिए डिजिटल मंचों का उपयोग बढ़ा है। इस रुझान को लॉकडॉउन से बल मिला है। लेकिन अब यह तंदुरुस्त रहने का प्रमुख आधार बन गया है। यह अध्ययन 19 शहरों के 2052 लोगों पर किया गया था।
इस अध्ययन में विभिन्न आयु, लिंग, भौगोलिक स्थितियों और विभिन्न पेशों के लोग शामिल थे। सर्वे में शामिल लोगों में से 70 फीसदी भारतीयों ने शारीरिक और मानसिक तंदुरुस्ती के बारे में बात या विचार प्रकट करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया।