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‘हमने अपनी जिंदगी में इतनी भीड़ नहीं देखी थी’, भगदड़ के वक्त नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मौजूद लोगों ने क्या कहा?

शनिवार देर रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक घायल हो गए।

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ऋषभ राज   
Last Updated- February 16, 2025 | 3:59 PM IST

NDLS Stampede: “हम 12 लोग महाकुंभ के लिए जा रहे थे। हम प्लेटफॉर्म तक भी नहीं पहुंचे थे, सिर्फ सीढ़ियों पर थे। मेरा परिवार, जिसमें मेरी बहन भी थी, भीड़ में फंस गया। आधे घंटे बाद हमें वह मिली, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी,” ये बातें संजय ने कही, जिन्होंने शनिवार रात New Delhi Railway station stampede में अपनी बहन को खो दिया।

संजय उन हजारों लोगों में से एक था, जो प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले के लिए ट्रेन पकड़ने रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। लेकिन वहां उनका सामना पूरी तरह अराजकता से हुआ। ट्रेनों में देरी और सामान्य टिकटों की भारी बिक्री के कारण स्टेशन पर जबरदस्त भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे भगदड़ मच गई और 18 लोगों की मौत हो गई।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें कई लोग घुटन की वजह से बेहोश हो गए।

‘इतनी भीड़ पहले कभी नहीं देखी’

रवि कुमार, जो रेलवे स्टेशन पर वर्षों से वेंडर (vendor) का काम कर रहे हैं, ने कहा कि “उन्होंने इससे पहले कभी इतनी भीड़ नहीं देखी।”

“प्लेटफॉर्म नंबर 12, 14, 15 और 16 पर जबरदस्त भीड़ थी, जहां से प्रयागराज जाने वाली ट्रेनें थीं। यह एक छोटा पुल (bridge) है, और कल यहां भारी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए थे। मैंने इससे पहले कभी इतनी भीड़ नहीं देखी।”

एक दूसरे वेंडर ने कहा, “भीड़ हद से ज्यादा थी, लोग फुट ओवर ब्रिज (foot over bridge) पर भी जमा हो गए थे। इतनी भीड़ की उम्मीद नहीं थी। मैंने त्योहारों के दौरान भी रेलवे स्टेशन पर इतनी भीड़ नहीं देखी थी। प्रशासन और एनडीआरएफ (NDRF) के लोग वहां मौजूद थे, लेकिन जब भीड़ बहुत ज्यादा हो गई, तो उसे संभालना नामुमकिन हो गया।”

एक रेलवे कुली (porter), जो भगदड़ के समय वहां मौजूद था, उसने बताया, “करीब 8:30 बजे से लोग इकट्ठा होना शुरू हो गए थे। हमने कम से कम 15 शव बरामद किए। इस भगदड़ में महिलाओं और बच्चों की जान चली गई।”

एक अन्य कुली, जो 1981 से रेलवे स्टेशन पर काम कर रहा है, उसने कहा कि उसने इससे पहले इतनी बड़ी भीड़ कभी नहीं देखी। उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, “प्रयागराज स्पेशल ट्रेन को प्लेटफॉर्म नंबर 12 से रवाना होना था, लेकिन इसे प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर शिफ्ट कर दिया गया। जब प्लेटफॉर्म 12 पर इंतजार कर रहे लोग और स्टेशन के बाहर खड़ी भीड़ प्लेटफॉर्म 16 की ओर बढ़ने लगी, तो लोग आपस में टकराने लगे और सीढ़ियों व एस्केलेटर (escalator) पर गिर गए। कई कुली वहां भीड़ को रोकने के लिए जमा हो गए।”

उन्होंने आगे कहा, “हमने कम से कम 15 शवों को उठाया और एंबुलेंस में रखा। प्लेटफॉर्म पर केवल जूते और कपड़े बिखरे पड़े थे। जब प्लेटफॉर्म 12 पर इंतजार कर रहे लोग और बाहर की भीड़ प्लेटफॉर्म 16 की ओर बढ़ी, तो लोग आपस में टकराने लगे और एस्केलेटर व सीढ़ियों पर गिर गए। हमने पुलिस, फायर टेंडर (fire tenders) को बुलाया और 3-4 एंबुलेंस वहां पहुंचीं। घायलों को अस्पताल ले जाया गया।”

‘भीड़ को नियंत्रित नहीं किया जा सका’

रेलवे के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस केपीएस मल्होत्रा के अनुसार, उन्हें भीड़ की उम्मीद थी, लेकिन यह सब कुछ सेकंडों में हुआ, इसलिए स्थिति को नियंत्रित नहीं किया जा सका।

रवि, जो एक प्रत्यक्षदर्शी है, उसने कहा कि जब प्लेटफॉर्म नंबर 13 पर खड़े लोगों ने देखा कि प्लेटफॉर्म 14 और 15 पर ट्रेनें आ रही हैं, तो वे उन प्लेटफॉर्म्स की ओर बढ़ने लगे। उसने बताया, “ट्रेनों के प्लेटफॉर्म बदले नहीं गए थे, लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा थी कि उसे नियंत्रित नहीं किया जा सका।”

अजीत, जो भारतीय वायुसेना में सार्जेंट हैं और इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी हैं, ने कहा, “हमारे पास रेलवे स्टेशन पर एक त्रि-सेवा कार्यालय है। जब मैं ड्यूटी खत्म करके लौट रहा था, तो मैं आगे नहीं जा सका क्योंकि वहां बहुत ज्यादा भीड़ थी। मैंने लोगों को समझाने और घोषणा करने की कोशिश की कि प्लेटफॉर्म पर अधिक भीड़ न करें। प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा था कि कोई अनहोनी न हो, लेकिन कोई सुन नहीं रहा था। मैंने अपने एक दोस्त की मदद से घायलों की सहायता भी की।”

रेलवे ने उच्च स्तरीय जांच के दिए आदेश

भारतीय रेलवे ने इस घटना के कारणों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।

उत्तरी रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने कहा, “इसकी जांच उच्च स्तरीय समिति कर रही है। कोई ट्रेन रद्द नहीं की गई थी, न ही किसी प्लेटफॉर्म में बदलाव किया गया था। घटना की जांच जारी है, इसलिए समिति की रिपोर्ट और निष्कर्षों का इंतजार करें,”

इसके अलावा, रेलवे ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को 10 लाख रुपये की मुआवजा राशि देने की घोषणा की है। गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल हुए लोगों को 1 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।

First Published : February 16, 2025 | 3:59 PM IST