Warehousing Investment: इस साल वेयरहाउसिंग में निवेश रफ्तार पकड़ रहा है। इस साल की पहली छमाही में वेयरहाउसिंग में निवेश में भारी इजाफा हुआ है। इस दौरान वेयरहाउसिंग सेक्टर में किराये में भी बढ़ोतरी देखी गई है। हालांकि मांग में हल्की गिरावट आई है।
संपत्ति सलाहकार फर्म नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 2024 की पहली छमाही में वेयरहाउसिंग में 1.53 अरब डॉलर का निजी इक्विटी (PE) निवेश किया गया। जबकि 2023 की पहली छमाही में यह आंकड़ा 0.55 अरब डॉलर था। इस तरह सालाना आधार पर वेयरहाउसिंग में निवेश में 176 फीसदी इजाफा हुआ। PE निवेशक वेयरहाउसिंग मार्केट में सक्रिय रूप से लगे हुए है और 3पीएल (third-party logistics) और ई-कॉमर्स सुविधाओं जैसे उपक्षेत्रों में मजबूत विकास की उम्मीद कर रहे हैं।
इस साल वेयरहाउसिंग के किराये में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक दशक के दौरान किराये में वृद्धि वेयरहाउसिंग के लिए एक चुनौती रही है। लेकिन 2021 में स्टील व सीमेंट के दाम बढ़ने और मांग सुधार के कारण वेयरहाउसिंग में किराया वृद्धि शुरू हुई। इस रिपोर्ट के अनुसार 8 प्रमुख शहरों में वेयरहाउसिंग किराये में सालाना आधार पर इस साल की पहली छमाही में 2 से 4 फीसदी इजाफा हुआ है। पुणे, चेन्नई में किराया 4-4 फीसदी, एनसीआर व कोलकाता में 3-3 फीसदी, बेगलूरु व मुंबई में 2.3-2.3 फीसदी, अहमदाबाद में 3.7 फीसदी, जबकि हैदराबाद में 2.5 फीसदी वृद्धि हुई है।
प्रमुख शहरों में वेयरहाउस औसत किराया रुपये प्रति वर्ग फुट प्रति महीना
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नाइट फ्रैंक इंडिया की इंडिया वेयरहाउसिंग मार्केट रिपोर्ट- H1 2024 के मुताबिक 8 प्रमुख शहरों में वेयरहाउसिंग की मांग करीब 229 लाख वर्ग फुट दर्ज की गई, जो पिछली समान की 238 लाख वर्ग फुट मांग से 4 फीसदी कम है। कोलकाता, अहमदाबाद और पुणे को छोड़कर बाकी मुंबई, एनसीआर, चेन्नई,बेंगलूरु और हैदराबाद में मांग में कमी देखी गई। इस साल की दूसरी छमाही में वेयरहाउसिंग के सबसे बड़े मार्केट मुंबई में मांग 7 फीसदी घटकर 46 लाख, जबकि दूसरे बड़े मार्केट एनसीआर में मांग 2 फीसदी घटकर 39 लाख वर्ग फुट रह गई। इस छमाही में अहमदाबाद में मांग 17 फीसदी बढ़कर 32 लाख और कोलकाता में 27 फीसदी बढ़कर 29 लाख वर्ग फुट हो गई।
वेयरहाउसिंग किराये के मामले सबसे महंगे मार्केट पुणे में मांग पिछले साल की दूसरी छमाही के 30 लाख वर्ग फुट के बराबर ही रही। ऑटोमेटिक, ऊर्जा, केमिकल आदि कंपनियों के कारण वेयरहाउसिंग की कुल मांग में विनिर्माण सेक्टर की हिस्सेदारी सबसे अधिक 36 फीसदी रही।
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र की मांग ने ई-कॉमर्स में मंदी की भरपाई की है। वेयरहाउसिंग विकास के लिए जमीन उपलब्धता एक चुनौती बनी हुई है। वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक परिदृश्य से संभावित असर के बावजूद भारत की मजबूत राजकोषीय स्थिति और लचीली अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2024 के शेष महीनों में वेयरहाउसिंग मार्केट की स्थिरता, विकास क्षमता को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए अच्छी स्थिति में है।