राष्ट्रीय ग्रिड से जुड़ी एक दर्जन से अधिक गैस पाइपलाइनों पर 1 अप्रैल से एकीकृत शुल्क लगेगा। यह जानकारी पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड ने बुधवार को दी। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने फरवरी में जानकारी दी थी कि सरकार अप्रैल से नई व्यवस्था शुरू करेगी।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड ने सूचना जारी की है कि सिद्धांत ‘एक देश, एक ग्रिड और एक शुल्क’ के तहत लेवलाइज्ड एकीक=त शुल्क 73.93 रुपये प्रति मीट्रिक मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट होगा। नए शुल्क से अधिक दूरी तक और कई पाइपलाइनों से ईंधन ले जाने वाले ग्राहकों को फायदा मिलने की उम्मीद है।
वर्तमान समय में उपभोक्ताओं को कई व परस्पर जुड़ी पाइपलाइनों का इस्तेमाल करने पर अतिरिक्त शुल्क अदा करना पड़ता है। इसके कारण पास की तुलना में दूरी पर ईंधन लेकर जाने पर उपभोक्ताओं को अधिक शुल्क अदा करना पड़ता है। एकीकृत शुल्क को आसान करने के लिए क्षेत्र के नियामक ने इकाई स्तर पर समन्वित प्राक=तिक गैस पाइपलाइन शुल्क पेश किया है।
नई व्यवस्था के तहत उपभोक्ता से तीन जोन में गैस के परिवहन के लिए एकीक=त शुल्क वसूला जाएगा जबकि पहले दो जोन के लिए शुल्क वसूला जाता था। इसके तहत तहत स्रोत से 300 किलोमीटर तक (गैस फील्ड या तरलीक=त प्राक=तिक गैस आयात टर्मिनल), 300-1200 किलोमीटर और 1200 से अधिक गैस को ले जाना है।
राष्ट्रीय गैस ग्रिड में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड, ऑयल ऐंड नैचुरल गैस कारपोरेशन लिमिटेड, गेल (इंडिया) लिमिटेज, पाइपलाइन इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, गुजरात स्टेट पेट्रोनेट लिमिटेड, गुजरात गैस लिमिटेड, रिलायंस गैस पाइपलाइन लिमिटेड, सीएसपीएल इंडिया गैसनेट लिमिटेड और जीएसपीएल इंडिया ट्रांसको लिमिटेड के सभी इंटरकनेक्टिड पाइपलाइन नेटवर्क और संचालित पाइपलाइन हैं।