इस साल गर्मियों में दिल्ली की बिजली की अधिकतम मांग 9,000 मेगावाट से अधिक होने की संभावना है। टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टाटा पावर-डीडीएल) ने अनुमान लगाया है कि उनके सेवा क्षेत्र में पीक लोड 2,562 मेगावाट तक पहुंच सकता है। पिछले साल, कंपनी ने 2,481 मेगावाट की अधिकतम मांग को सफलतापूर्वक पूरा किया था।
बिजली सप्लाई के लिए पुख्ता इंतजाम
टाटा पावर-डीडीएल ने 2,850 मेगावाट तक की बिजली सप्लाई के लिए लॉन्गटर्म, मिडटर्म और शॉर्टटर्म समझौतों के माध्यम से पर्याप्त इंतजाम किए हैं। इसके अलावा, अप्रत्याशित परिस्थितियों से निपटने के लिए कंपनी ने बिजली एक्सचेंज से शॉर्टटर्म बिजली खरीदने की व्यवस्था भी की है।
एडवांस तकनीक का उपयोग
कंपनी ने सटीक बिजली मांग पूर्वानुमान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) जैसी एडवांस तकनीकों का उपयोग किया है। रोहिणी और रानी बाग में स्थित बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) आपात स्थितियों में महत्वपूर्ण ग्राहकों को निरंतर और विश्वसनीय बिजली सप्लाई में सहायता करेंगे।
नेटवर्क मजबूत करने और मेंटेनेंस की तैयारी
टाटा पावर-डीडीएल ने अपने नेटवर्क को मजबूत करने के लिए कई जरूरी कदम उठाए हैं। कंपनी ने नए ट्रांसफार्मर लगाए हैं और पुराने ट्रांसफार्मरों को बेहतर बनाया है ताकि ज्यादा लोड के समय कोई दिक्कत न हो। साथ ही, सभी जरूरी बिजली उपकरणों का समय-समय पर मेंटेनेंस किया जा रहा है। किसी भी इमरजेंसी में जल्दी से बिजली सप्लाई ठीक करने के लिए मोबाइल ट्रांसफार्मर और क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) को तैनात किया गया है।
ग्राहकों को भरोसा
टाटा पावर-डीडीएल के सीईओ श्री गजानन एस. काले ने कहा, “हम अपने सभी ग्राहकों को बिना रुके बिजली देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हमने अपने नेटवर्क को मजबूत किया है, नई टेक्नोलॉजी लगाई है और बिजली के लोड को सही तरीके से संभालने की तैयारी की है। इस गर्मी में किसी को भी बिजली की परेशानी न हो, इसके लिए हम पूरी कोशिश कर रहे हैं।”