टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस अपनी कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) की पूरी निधि रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट और रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन को देने की योजना को अंतिम रूप दे रही है। ये दोनों ट्रस्ट इस रकम से सामाजिक क्षेत्र की परियोजनाओं की मदद करेंगे।
टाटा समूह के दिवंगत अध्यक्ष रतन टाटा (जिनका निधन पिछले साल अक्टूबर में हो गया था) ने अपने जीवन में किए गए निवेश से वित्त पोषित सामाजिक क्षेत्र की परियोजनाओं को शुरू करने के लिए इन दोनों संस्थाओं की स्थापना की थी। अनुमान के मुताबिक विभिन्न स्टार्ट अप में टाटा का निवेश और टाटा संस में करीब 0.84 फीसदी हिस्सेदारी का मूल्य 10,000 करोड़ रुपये है। वसीयत के अनुसार ये निवेश रतन टाटा एजुकेशन फाउंडेशन के तहत रखे जाएंगे।
घटनाक्रम से जुड़े करीबी सूत्रों के अनुसार रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन और ट्रस्ट के बोर्ड में टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को दिवंगत रतन टाटा के सौतेले भाई-बहनों – नोएल टाटा, डीन और शिरीन जीजीभॉय के साथ प्रबंध ट्रस्टी के रूप में शामिल किया जाएगा।
रतन टाटा की मृत्यु के एक दिन बाद नोएल टाटा ने सभी टाटा ट्रस्टों के अध्यक्ष का पद संभाला। टाटा ट्रस्ट नियमों में एक ही व्यक्ति के ट्रस्ट के अध्यक्ष के साथ-साथ टाटा संस के अध्यक्ष पद पर रहने का प्रतिबंध है। इस संबंध में जानकारी के लिए टाटा ट्रस्ट और टाटा संस को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला।
योजना अंतिम चरण में है और चर्चा इस बात पर केंद्रित है कि अन्य टाटा ट्रस्टों की तर्ज पर सामाजिक क्षेत्र की परियोजनाओं को कैसे आगे बढ़ाया जाए। अभी टाटा ट्रस्ट (जिसकी टाटा संस में 66 फीसदी हिस्सेदारी है) अपनी परियोजनाओं को टाटा संस की लाभांश आय से वित्तपोषित करता है। चूंकि रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन नई संस्था है। इसलिए टाटा संस से सीएसआर निधि लगातार मिलने से उसे नई परियोजनाएं शुरू करने में मदद मिलेगी।
टाटा ट्रस्ट्स को इस साल भारी-भरकम लाभांश मिलने की उम्मीद है क्योंकि टाटा समूह की गैर-सूचीबद्ध होल्डिंग कंपनी टाटा संस को भारत की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) से चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में 24,931 करोड़ रुपये का अच्छा-खासा लाभांश मिला है। टीसीएस ने दिसंबर तिमाही के लिए 10 रुपये प्रति शेयर के अंतरिम लाभांश के अलावा 66 रुपये प्रति शेयर के विशेष लाभांश की घोषणा की थी। इससे पहले उसने पहली दो तिमाहियों में हर शेयर पर 10 रुपये का अंतरिम लाभांश घोषित किया था।
टाटा संस की ओर से अपने शेयरधारकों को लाभांश की घोषणा चालू वित्त वर्ष की समाप्ति के बाद की जाएगी। इसके अलावा अगर चालू वित्त वर्ष में मुनाफा अधिक होता है तो मुनाफे का दो फीसदी सीएसआर परियोजनाओं के लिए रखा जाएगा।
इस बीच उम्मीद है कि रतन टाटा वसीयत के निष्पादक दिवंगत रतन टाटा की वसीयत की जांच के लिए अगले सप्ताह बंबई उच्च न्यायालय का रुख करेंगे। वसीयत के अनुसार टाटा ने अपनी संपत्ति का लगभग एक-तिहाई हिस्सा अपने लंबे समय के दोस्त और विश्वासपात्र मोहिनी मोहन दत्ता के लिए छोड़ा है जबकि बाकी हिस्सा उनकी सौतेली बहनों को दिया गया है। वसीयत के निष्पादक किसी भी विवाद से बचने के लिए मध्यस्थ के रूप में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे से बातचीत कर रहे हैं।