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तमिलनाडु ने नौकाओं में ISRO की ओर से विकसित ट्रांसपोंडर लगाना शुरू किया

स्टालिन ने सचिवालय में नीली क्रांति योजना के तहत 10 नौका मालिकों को ये उपकरण आवंटित किये

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भाषा
Last Updated- December 31, 2022 | 11:20 AM IST

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले मछुआरों की मदद के लिए 4,000 से अधिक मशीनीकृत नौकाओं (boats) पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा विकसित उन्नत ट्रांसपोंडर (transponders) लगाने की शुक्रवार को शुरुआत की और मछली पकड़ने वाली नौकाओं के मालिकों को ये उपकरण प्रदान किये।

4,997 मशीनीकृत नावों पर लगेगा ट्रांसपोंडर

स्टालिन ने सचिवालय में नीली क्रांति योजना के तहत 10 नौका मालिकों को ये उपकरण आवंटित किये। इस योजना के तहत 18.01 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर तमिलनाडु में 4,997 मशीनीकृत नावों पर ट्रांसपोंडर लगाया जाना है। ये नौका मालिक चेन्नई, नागपट्टिनम, तूतीकोरिन और कन्याकुमारी जिलों के हैं।

समुद्र में मछुआरों के साथ हो सकेगा संचार

यह उपकरण दो-तरफ़ा संचार का आदान-प्रदान करता है और मछुआरों को सूचना संप्रेषित करने और उनसे प्राप्त करने में मदद करता है। यह अधिकारियों को गहरे समुद्र में एक नाव के वास्तविक स्थान, उसके मार्ग का पता लगाने और बचाव के प्रयासों के लिए उचित उपाय करने में सहायता देने में सक्षम है।

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मछलियों और मौसम के पूर्वानुमान की मिलेगी जानकारी

चक्रवात, तूफान या भारी बारिश के दौरान गहरे समुद्र में नावों से मत्स्य विभाग के केंद्रीय नियंत्रण कक्ष तक और इसके उलट नियंत्रण कक्ष से नाव मालिक तक भी संदेश प्रेषित किया जा सकता है। संदेश सुरक्षा एजेंसियों द्वारा भी भेजे और प्राप्त किये जा सकते हैं। जिन क्षेत्रों में अधिक मछलियां हैं, उनकी जानकारी, मौसम का पूर्वानुमान और अन्य सभी प्रासंगिक पहलुओं पर अधिकारियों द्वारा नाविकों को संदेश भेजे जा सकते हैं। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मछुआरे ब्लू टूथ से जुड़कर और ट्रांसपोंडर को ठीक करने के बाद एक मोबाइल ऐप का उपयोग करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

First Published : December 31, 2022 | 11:19 AM IST