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SC ने महाराष्ट्र सरकार और अदाणी से मांगा जवाब, धारावी पुनर्विकास परियोजना पर रोक से इनकार

यूएई की कंपनी सेकलिंक टेक्नोलॉजीज ने अदाणी को ठेका देने को दी चुनौती, SC ने सुनवाई के लिए 25 मई की तारीख तय की

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भाविनी मिश्रा   
प्राची पिसल   
Last Updated- March 07, 2025 | 11:37 PM IST

सर्वोच्च न्यायालय ने आज महाराष्ट्र सरकार और अदाणी प्रॉपर्टीज से उस याचिका पर जवाब तलब किया जिसमें धारावी स्लम पुनर्विकास परियोजना अदाणी को दिए जाने को चुनौती दी गई है। अलबत्ता शीर्ष अदालत ने परियोजना स्थल पर चल रहे काम को रोकने से इनकार कर दिया। इससे पहले अदाणी समूह ने कहा था कि निर्माण पहले ही शुरू हो चुका है और इसमें 2,000 से ज्यादा श्रमिक शामिल हैं। उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि उन्होंने पैसों का निवेश किया है, करोड़ों रुपये के निर्माण उपकरण खरीदे हैं और कार्य स्थल पर रेलवे क्वार्टर ढहाना शुरू हो गया है।

यह याचिका यूएई की कंपनी सेकलिंक टेक्नोलजीज ने दायर की है, जिसमें धारावी झोंपड़पट्टी के पुनर्विकास के लिए सेकलिंक की साल 2019 की बोली रद्द करने और साल 2022 में अदाणी को निविदा दिए जाने के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी। सेकलिंक टेक्नोलजीज कॉरपोरेशन (एसटीसी) यूएई की रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र की कंपनी है। एसटीसी ने जब 72,000 करोड़ रुपये के अपने प्रस्ताव को 20 प्रतिशत तक बढ़ाने की पेशकश तो भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार के पीठ ने कंपनी को इस संबंध में हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा और मामले की सुनवाई के लिए 25 मई तय की।

सर्वोच्च न्यायालय ने अदाणी समूह को परियोजना से संबंधित सभी भुगतान एक ही एस्क्रो खाते के जरिये, उचित दस्तावेजों के साथ और परियोजना से संबंधित सभी वित्तीय लेनदेन नामित खाते के जरिये करने के लिए कहा। इससे पहले दिसंबर 2024 में बंबई उच्च न्यायाल ने यूएई की कंपनी की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इसमें ‘दम नहीं है’।

First Published : March 7, 2025 | 11:37 PM IST