लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि चाहे पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) हो या मौजूदा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार, बेरोजगारी की समस्या का हल कोई नहीं कर पाया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए राहुल ने कहा कि भारत उत्पादन या विनिर्माण की उपेक्षा के कारण मौजूदा क्रांति में हिस्सा लेने से पिछड़ गया है।
उन्होंने यह दावा भी किया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ नया नहीं था और यह पिछले कुछ सालों की तरह ही था। राहुल गांधी ने कहा, ‘मैंने राष्ट्रपति का अभिभाषण सुना। मुझे कहना होगा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान जो कहा जा रहा था, उस पर अपना ध्यान बनाए रखने के लिए मुझे संघर्ष करना पड़ा, क्योंकि मैंने लगभग वही अभिभाषण पिछले साल और उससे पहले के साल भी सुना था।’
कांग्रेस नेता ने कहा कि देश का भविष्य युवाओं द्वारा तय होगा, इसलिए कुछ भी कहा जाए तो उसमें युवाओं पर जोर होना चाहिए था। राहुल गांधी ने कहा, ‘हम बेरोजगारी की समस्या को सुलझा नहीं पाए हैं, न तो संप्रग सरकार बेरोजगारी को लेकर युवाओं को कोई स्पष्ट जवाब दे पाई और न ही राजग सरकार कुछ कर पाई। मेरी इस बात से प्रधानमंत्री भी सहमत होंगे।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरान सदन में उपस्थित थे।
राहुल ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ की पहल की। यह अच्छा विचार था, प्रधानमंत्री ने प्रयास किया, लेकिन यह प्रयास विफल रहा।’ राहुल गांधी ने कहा, ‘एक देश के रूप में हम विनिर्माण में विफल रहे हैं।’ उन्होंने दावा किया कि विनिर्माण का काम चीन की कंपनियों को दे दिया गया है। राहुल गांधी ने मोबाइल फोन दिखाते हुए कहा, ‘यह मेड इन इंडिया नहीं, बल्कि ‘असेंबल्ड इन इंडिया’ है।’ उन्होंने कहा कि देश को विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘आज दो समानांतर रास्ते हैं जिन पर हमें जोर देना है। पहला, देश के शासन, संस्थानों में ओबीसी, आदिवासियों और दलितों की भागीदारी सुनिश्चित करना और धन का समान वितरण सुनिश्चित करना। दूसरा यह कि इलेक्ट्रॉनिक वाहन, बैटरी, सौर ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांति में भाग लें और चीन को पराजित करें। विकास में वंचित वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित कर और इलेक्ट्रिक वाहन, डेटा तथा आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (आईए) से जुड़ी आधुनिक युग की क्रांति में भाग लेकर चीन को पछाड़ा जा सकता है।
कांग्रेस नेता ने संविधान का मुद्दा उठाते हुए कहा कि लोक सभा चुनाव के नतीजों से यह स्पष्ट हो गया कि कोई इसे छू भी नहीं सकता है। उन्होंने निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया में बदलाव को लेकर सरकार पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा, ‘चुनाव आयुक्त का चयन प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और प्रधान न्यायाधीश द्वारा किया जाता था। प्रधान न्यायाधीश को इस समिति से हटा दिया गया। यह प्रधानमंत्री के लिए सवाल है कि यह परिवर्तन क्यों किया गया?’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी की हालिया टिप्पणी की आलोचना करते हुए सोमवार को कहा कि सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान करना कांग्रेस की परंपरा तथा उनके ‘राजनीतिक डीएनए’ में है। उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोक सभा में भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी द्वारा लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करते हुए यह भी कहा कि संविधान बचाने की बात करने वालों को पहले राष्ट्रपति पद का सम्मान करना सीखना चाहिए। वहीं राहुल गांधी के आरोपों पर पलटवार करते हुए विदेश मंत्री एस
जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि नेता विपक्ष ने पिछले साल दिसंबर में मेरी अमेरिका यात्रा को लेकर जानबूझ कर झूठ बोला है। राहुल गांधी ने उनकी अमेरिका यात्रा को लेकर टिप्पणी की थी।