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प्रह्लाद जोशी ने कहा, 2025-26 तक कोयले का निर्यातक होगा भारत

Published by   श्रेया जय
- 29/03/2023 11:50 PM IST

केंद्रीय कोयला, खनन और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि भारत का कोयला क्षेत्र सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए 2025-26 तक कोयले का शुद्ध निर्यातक बन जाएगा। उन्होंने कहा कि निजी कोयला खदानों और राज्यों की खदानों सहित देश का कुल कोयला उत्पादन इस वित्त वर्ष में 8,800 लाख टन पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि आने वाली गर्मियों में मांग बढ़ने पर कोयले की कोई कमी नहीं होगी।

जोशी ने सातवें दौर के वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी की शुरुआत के मौके पर कहा, ‘कोयले के शुद्ध आयातक से अब भारत नॉन कोकिंग (थर्मल) कोल के शुद्ध निर्यातक होने की ओर बढ़ रहा है। भारत ने 900 लाख टन कोयले का आयात किया था, जो 2025-26 तक खत्म हो जाएगा। कोकिंग कोल के अलावा हम थर्मल कोल का आयात भी बंद कर देंगे।’

इसके पहले कोयला मंत्रालय ने 2024 तक शून्य कोयला आयात का लक्ष्य रखा था। कोयले का आयात घटाने का दावा ऐसे समय किया गया है, जब केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने सभी बिजली उत्पादकों से अनिवार्य रूप से कोयला आयात करने को कहा है, जिससे बिजली की बढ़ती मांग के दौर में घरेलू कोयले की कमी की भरपाई की जा सके।

मंत्री ने कहा कि निजी कोयला खदानों से उत्पादन इस वित्त वर्ष में 1,000 लाख टन हो गया है। ताप बिजली संयंत्रों के पास 1,600 लाख टन कोयले का स्टॉक होने का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा, ‘गर्मी के मौसम में बिजली की ज्यादा मांग वाले समय में कोयले की कोई कमी नहीं होगी। सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के उत्पादकों से कहा गया है कि वह कोयला का उत्पादन बढ़ाएं और जून और जुलाई के मॉनसून के लिए तैयार रहें।’

कोयला मंत्रालय में सचिव अमृतलाल मीणा ने कहा कि अगले वित्त वर्ष तक देश में कोयले का उत्पादन 1 अरब टन हो सकता है और कुछ वर्षों में हमारा उत्पादन 1.5 अरब टन हो जाएगा।

वाणिज्यिक कोयला खदान के सातवें दौर की घोषणा करते हुए मीणा ने कहा कि इस दौर में 106 कोयला ब्लॉकों की पेशकश की जाएगी। पेशकश की जा रही 101 कोयला खदानों में से 32 नई कोयला खदानें हैं और 69 पहले के खंड में से आगे बढ़ाई जाएंगी।

यह खदानें लिग्नाइट उत्पादन वाले राज्यों झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, तमिलनाडु और बिहार में हैं।