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PM Internship Scheme में कंपनियों की 82,110 पेशकशों में से केवल 30% अभ्यर्थियों ने एक्सेप्ट किया ऑफर

सरकार ने कहा कि आवेदकों द्वारा पेशकश न स्वीकार करने या इंटर्नशिप न ज्वाइन करने की एक वजह काम करने की जगह, इंटर्नशिप  की अवधि, उच्च शिक्षा में जाना आदि है।

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- August 18, 2025 | 9:44 PM IST

वित्त एवं कंपनी मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद को बताया कि प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (पीएमआईएस) के पायलट कार्यक्रम के दौरान अभ्यर्थियों ने कंपनियों के कुल ऑफर में से 30 प्रतिशत ही स्वीकार किया है। पहली पायलट योजना में कुल 34 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने कंपनियों के प्रस्ताव स्वीकार किए थे।

लोक सभा में दिए गए लिखित जवाब में कहा गया है कि पायलट परियोजना का दूसरा दौर 9 जनवरी, 2025 से शुरू हुआ और अभ्यर्थियों को कंपनियों की ओर से 82,110 पेशकश की गई  और 12 अगस्त 2025 तक अभ्यर्थियों ने 24,131 पेशकश स्वीकार किया।  वहीं 3 अक्टूबर, 2024 को शुरू पहले दौर में कंपनियों की ओर से 82,077 पेशकश की गई, जिसमें से 28,141 स्वीकार हुए।

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सरकार ने कहा कि आवेदकों द्वारा पेशकश न स्वीकार करने या इंटर्नशिप न ज्वाइन करने की एक वजह काम करने की जगह, इंटर्नशिप  की अवधि, उच्च शिक्षा में जाना आदि है। यह जानकारी विभिन्न हिस्सेदारों जैसे अभ्यर्थियों, उद्योग और उद्योग संगठनों और राज्य सरकारों से मिली है। विभिन्न हिस्सेदारों से परामर्श और पायलट परियोजना के परिणामों के मूल्यांकन के बाद ही पीएम इंटर्नशिप योजना को पूरी तरह से लागू किया जाएगा।  राज्यों के हिसाब से देखें तो आंध्र प्रदेश की कंपनियों ने सबसे ज्यादा आवेदकों को ऑफर दिया। इस राज्य में 75,206 आवेदन आए और कंपनियों ने 10,899 पेशकश की, जिसमें से अभ्यर्थियों द्वारा  2,809 ऑफर स्वीकार किए गए।

First Published : August 18, 2025 | 9:44 PM IST