PAN 2.0 Explained: टैक्सपेयर्स की सहूलियत बढ़ाने, पैन कार्ड से जुड़ी सेवाओं को आसान और डिजिटल बनाने के लिए मोदी सरकार ने पैन 2.0 प्रोजेक्ट शुरू किया है। इस प्रोजेक्ट के तहत, सरकार पैन कार्ड के पूरे फ्रेमवर्क को अपग्रेड करने जा रही है। इस पर मोदी सरकार 1,435 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है। पैन 2.0 प्रोजेक्ट क्या है? यह कैसे काम करेगा? इसके तहत पैन कार्ड में क्या-क्या बदलाव होगा और टैक्सपेयर्स को कैसे इससे फायदा होगा? आइए इसको समझते है…
पैन 2.0 स्थायी खाता संख्या (Permanent Account Number) सिस्टम को अपग्रेड करने की एक बड़ी पहल है। इसका फोकस टैक्सपेयर्स के लिए एक सहज और डिजिटल अनुभव प्रदान करने पर केंद्रित है। इस पहल के तहत, पैन/टैन से जुड़ी सभी मुख्य और गैर-मुख्य सेवाओं को एकीकृत कर एक पेपरलेस प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा। पैन 2.0 सिस्टम पैन से जुड़ी सभी सेवाओं के लिए एक केंद्रीयकृत पोर्टल (centralised portal) और यूजर्स डेटा की सुरक्षा के लिए एडवांस साइबर सुरक्षा सुविधाएं प्रदान करेगी।
QR Code वाला होगा नया पैन कार्ड: PAN 2.0 पहले के तहत, अब नए पैन कार्ड में क्यूआर कोड भी होगा। इसकी मदद से टैक्सपेयर्स की जानकारी को जल्दी एक्सेस और वेरीफाई किया जा सकता है। बता दें कि हाल के वर्षों में आयकर विभाग द्वारा पहले से ही पैन कार्ड पर क्यूआर कोड जोड़ा जा रहा है।
सिस्टम होगा अपग्रेड: इस पहल के तहत मौजूदा फ्रेमवर्क को एडवांस तकनीक के साथ अपडेट किया जाएगा, जिससे संचालन की दक्षता बढ़ेगी।
इंटीग्रेटेड पोर्टल: PAN 2.0 पहल के तहत, सरकार की योजना एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पैन से जुड़ी सभी सेवाओं को उपलब्ध कराने की है। इससे यूजर्स के लिए
साइबर सिक्योरिटी बढ़ेगी: इस पहल के तहत, सिस्टम अपग्रेड होगा, नई तकनीक को अपनाया जाएगा और एक ही प्लेटफार्म पर सभी सुविधाएं उपलब्ध होगी। कुल मिलाकर इन सभी कारणों से साइबर सिक्योरिटी मजबूत होगी और टैक्सपेयर्स के डेटा को हैंक होने से बचाया जा सकेगा।
पैन सेवाओं होंगी तेज: पैन से जुड़ी सेवाओं की प्रोसेसिंग में कम समय लगेगा।
डेटा में गलती कम होगी: टैक्सपेयर्स का डेटा एक जगह पर रखा जाएगा। इससे डेटा में एकरूपता बढ़ेगी और गलतियों में कमी आएगी।
खर्च में बचत: मौजूदा पैन कार्डधारकों के लिए यह अपग्रेड पूरी तरह निशुल्क होगा।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, पैन 2.0 प्रोजेक्ट सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए सामान्य पहचानकर्ता के रूप में पैन के उपयोग को सक्षम बनाएगी। वर्तमान में लगभग 78 करोड़ पैन जारी किए गए हैं। इनमें से 98 प्रतिशत पैन व्यक्तिगत स्तर पर जारी किए गए हैं।