दिल्ली के उद्यमियों को प्रॉपर्टी टैक्स के मामले में बड़ी राहत मिली है। हालांकि इस राहत के साथ उद्योग पर कुछ बोझ भी पड़ने वाला है। दिल्ली नगर निगम (MCD ) ने म्युनिसिपल वैल्यूशन कमिटी (MVC)-5 की सिफारिशों में किराये की औद्योगिक व व्यावसायिक प्रॉपर्टी पर दोगुना प्रॉपर्टी टैक्स, टैक्स दर 37 फीसदी बढ़ाने की सिफारिश नामंजूर कर दी है। लेकिन खाली व कच्चे स्ट्रक्चर वाली औद्योगिक इकाइयों को अब पहले से ज्यादा प्रॉपर्टी टैक्स देना होगा।
किराये की प्रॉपर्टी पर occupancy factor अब 2 की बजाय 1.25 लागू होगा
MVC-5 में गैर आवासीय किराये की प्रॉपर्टी यानी औद्योगिक व व्यावसायिक प्रॉपर्टी पर occupancy factor 2 करने की सिफारिश की गई थी। जिससे उद्यमियों को इस प्रॉपर्टी पर दोगुना प्रॉपर्टी टैक्स देना पड़ता। लेकिन अब एमसीडी ने इस सिफारिश को नामंजूर करते हुए occupancy factor 1.25 कर दिया है। इससे उद्यमियों को दोगुने प्रॉपर्टी टैक्स की मार से तो राहत मिली है। लेकिन इस प्रॉपर्टी पर मौजूदा प्रॉपर्टी टैक्स से 25 फीसदी ज्यादा टैक्स देना पड़ेगा क्योंकि मौजूदा occupancy factor एक है, जबकि अब यह बढ़कर 1.25 हो जाएगा।
खाली व कच्चा स्ट्रक्चर पर अब ज्यादा देना होगा प्रॉपर्टी टैक्स
लघु उद्योग भारती की दिल्ली इकाई के सचिव संजय गौड़ ने बताया कि औद्योगिक इकाई के लिए प्रॉपर्टी टैक्स की गणना में यूज फैक्टर 3 है। लेकिन अगर औद्योगिक इकाई खाली पडी है, तो यह फैक्टर 3 की बजाय 2 हो जाता है। अब एमवीसी-5 के तहत खाली प्रॉपर्टी पर भी यूज फैक्टर 3 ही लागू होगा। जिससे उद्यमियों को खाली प्रॉपर्टी पर अब पहले से ज्यादा टैक्स देना होगा। एमवीसी-5 के तहत के structure factor में भी बदलाव किए गए हैं। पहले तीन तरह के कच्चा, सेमी कच्चा और पक्का structure factor होते थे और पक्का के लिए structure factor 1, सेमी पक्का के लिए 0.7 और कच्चा के लिए 0.5 होता था। लेकिन अब सेमी कच्चा व कच्चा के लिए एक ही 0.7 structure factor होगा। इस तरह कच्चा स्ट्रक्चर वाली औद्योगिक इकाइयों को पहले से ज्यादा प्रॉपर्टी टैक्स देना होगा। गौड़ कहते हैं कि एमवीसी-5 में कुछ बोझ तो डाला गया है, लेकिन किराये की औद्योगिक प्रॉपर्टी पर दोगुना प्रॉपर्टी टैक्स न लगाकर व टैक्स रेट 37 फीसदी न बढाकर बड़ी राहत दी गई है।