रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को लोक सभा में अपनी बात रखते हुए
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को लोक सभा में जोर देकर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय रक्षा बलों की सैन्य संपत्तियों का कोई नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर की तरह ही अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के उन दावों को भी खारिज कर दिया, जिनमें उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने का दावा किया था।
सिंह ने लोक सभा में दोपहर 2 बजे ‘पहलगाम में आतंकी हमले के जवाब में भारत का मजबूत, सफल और निर्णायक ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा शुरू की। विदेश मंत्री जयशंकर ने शाम को चर्चा में भाग लिया। जयशंकर ने कहा कि अमेरिका के साथ किसी भी बातचीत में किसी भी स्तर पर ऑपरेशन सिंदूर के साथ व्यापार का कोई संबंध नहीं था। उन्होंने कहा कि सैन्य कार्रवाई रोकने का अनुरोध पाकिस्तानी पक्ष से आया था। विपक्ष द्वारा विदेश नीति की आलोचना का जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि यह भारत की कूटनीति का ही परिणाम है कि पहलगाम आतंकी हमले के पीछे के आतंकी समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को अमेरिका ने वैश्विक आतंकी संगठन के रूप में नामित किया।
जयशंकर ने कहा, ’10 मई को हमें अन्य देशों की राय साझा करते हुए फोन कॉल आए कि पाकिस्तान लड़ाई रोकने के लिए तैयार है। हम इस पर अडिग थे कि यदि पाकिस्तान तैयार है, तो वह डीजीएमओ चैनल से स्वयं अनुरोध करे। फिर वही हुआ।’ उन्होंने कहा, ‘मैं दो बातें बहुत स्पष्ट करना चाहता हूं। एक, अमेरिका के साथ किसी भी बातचीत में किसी भी स्तर पर व्यापार से कोई संबंध नहीं था। दूसरा, आतंकी हमले पर राष्ट्रपति ट्रंप के संवेदना व्यक्त करने के बाद 22 अप्रैल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच कोई फोन कॉल नहीं हुई। इसके बाद केवल 17 जून को उन्होंने तब फोन किया जब प्रधानमंत्री मोदी कनाडा में थे। ट्रंप ने उनसे पूछा था कि क्या वह उनसे मिल सकते हैं।’
चर्चा के दौरान कांग्रेस के गौरव गोगोई ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले को रोकने में सुरक्षा चूक के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की आलोचना की। शाह मंगलवार को सदन को संबोधित करेंगे। कांग्रेस के प्रमुख वक्ता के रूप में रक्षा मंत्री के बाद बोलते हुए गोगोई ने कहा कि गृह मंत्री को उन ‘सुरक्षा चूक’ की जिम्मेदारी लेनी चाहिए जिसके कारण पहलगाम आतंकी हमला हुआ। सदन में कांग्रेस के उप नेता गोगोई ने कहा कि आतंकी हमले के बाद से 100 दिन बीत चुके हैं, लेकिन सरकार आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में नहीं ला पाई है।
उन्होंने सरकार से यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कितने भारतीय जेट विमानों को मार गिराया गया। युद्धविराम सुनिश्चित करने के लिए व्यापार को खतरे के रूप में इस्तेमाल करने के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति के दावों का उल्लेख करते हुए गोगोई ने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को रोकने के लिए आत्मसमर्पण कर दिया था। उन्होंने ट्रंप के इस बयान की ओर इशारा किया कि संघर्ष के दौरान पांच जेट विमानों को मार गिराया गया था।
रक्षा मंत्री राजनाथ ने अपने घंटे भर के भाषण में कहा कि विपक्ष सही सवाल नहीं पूछ रहा है। सिंह ने कहा, ‘सरकार से सवाल पूछना विपक्ष का काम है। हमारे विपक्षी सदस्य पूछते रहे कि हमारे कितने विमानों को मार गिराया गया, लेकिन उन्होंने कभी नहीं पूछा कि हमारी सेना ने कितने पाकिस्तानी विमानों को मार गिराया। यदि आप सवाल पूछना चाहते हैं, तो पूछें कि क्या इस ऑपरेशन में हमारे किसी सैनिक को नुकसान हुआ है। जवाब है नहीं, हमारे किसी भी सैनिक को नुकसान नहीं हुआ।’
राजनाथ सिंह के भाषण के दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने यह जानना चाहा कि ऑपरेशन सिंदूर क्यों रोका गया। उन्होंने पूछा, ‘आपने सैन्य कार्रवाई रोकी क्यों?’ उनके यह सवाल उठाते ही सत्ताधारी दल के सदस्य अपनी सीटों पर खड़े हो गए। मंत्री ने कहा कि वह पहले ही इस बारे में बात कर चुके हैं और विपक्ष के नेता को उनका भाषण सुनना चाहिए। मंत्रियों ने 26/11 के आतंकी हमलों के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार को और 2009 के शर्म-अल-शेख समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए दोषी ठहराया। इस मुद्दे पर चर्चा मंगलवार को जारी रहेगी।