साइबर अपराधों से जुड़े वित्तीय अपराधों पर शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बड़ी कार्रवाई की। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने ऑपरेशन चक्र-पांच के तहत दिल्ली, हिसार, लखनऊ, मुंबई, पुणे और नासिक में 10 स्थानों पर छापेमारी अभियान चलाया।
ये छापेमारी फर्जी मोबाइल ऐप्लिकेशन और व्हाट्सऐप ग्रुप के जरिये भोले-भाले लोगों को निशाने बनाने वाली एक संगठित निवेश धोखाधड़ी योजना से जुड़ी थी। सीबीआई ने बयान जारी कर बताया है कि मुंबई के कल्याण में रहने वाले एक व्यक्ति को साइबर अपराधियों को पहले से चल रहे सिम कार्ड और अवैध बैंक खातों की आपूर्ति के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ये संसाधन धोखाधड़ी करने के लिहाज से जरूरी माने जाते हैं।
छापेमारी के दौरान केंद्रीय एजेंसी ने डिजिटल उपकरण और दस्तावेज सहित कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है, जिससे इस गिरोह के अंदरूनी कामकाज के बारे में पता चला है। इस धोखाधड़ी में निवेशकों को बड़ी सूचीबद्ध कंपनियों में रियायती शेयरों का वादा कर लुभाया जाता था। पीड़ितों को फर्जी प्लेटफॉर्म के जरिये रकम हस्तांतरित करने के लिए बरगलाया जाता था और उन्हें बात में ठगे जाने का अहसास होता था।
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने बताया कि साइबर गिरोह बेहतरीन बुनियादी ढांचे के साथ कामकाज करते थे, जिसमें प्रौद्योगिकी और सोशल इंजीनियरिंग का उपयोग कर लोगों को ठगा जाता था। छापेमारी के दौरान एक जटिल नेटवर्क का भी पता चला, जिसके जरिये धनशोधन और हेराफेरी की जाती थी।